यदि आप भौतिक या डिजिटल रूप में भी सोना खरीदते हैं, तो आप संपत्ति के परिसमापन से उत्पन्न होने वाले किसी भी पूंजीगत लाभ पर कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। हालांकि, एसजीबी के मामले में, परिपक्वता के समय (8 वर्ष) तक सोने की कीमत बढ़ने की स्थिति में कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं देना होता है। यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि समय से पहले निकासी (सरकार 5 साल बाद बाहर निकलने का विकल्प देती है) पर पूंजीगत लाभ कर लगेगा। साथ ही, SGB पर प्राप्त ब्याज कर योग्य है।
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अपने पोर्टफोलियो के लिए एसजीबी पर विचार करने के 5 कारण!
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या एसजीबी केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। ये बांड भौतिक सोना द्वारा समर्थित हैं और सरकार के लिए डीमैट खाते के प्रकार राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। RBI इन बांडों को पूरे वर्ष किश्तों में जारी करता है और अंतिम किश्त वर्तमान में सदस्यता के लिए खुला है, जिसकी अंतिम तिथि 23 दिसंबर 2022 है।
ये एसजीबी उन तरीकों में से एक हैं जिनसे निवेशक पीली धातु में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन एसजीबी के कई लाभ हैं जो उन्हें सोने में निवेश के अन्य तरीकों से बेहतर विकल्प बनाते हैं। यहां 5 सबसे अच्छे फायदे हैं।
ब्याज दर
एसजीबी अनिवार्य रूप से बांड हैं, जिसका अर्थ है कि यह एक ऋण सुरक्षा है और सरकार इस पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, पूंजी की सराहना के अलावा, जो कि सोने की दरों में बढ़ोतरी के रूप में आनंद ले सकता है, निवेशकों को प्रति वर्ष एक निश्चित 2.5% ब्याज भी मिलता है (अर्ध-वार्षिक जमा) जो एसजीबी की अपील को और बढ़ाता है क्योंकि कोई अन्य विकल्प निश्चित रिटर्न प्रदान नहीं करता है। पैसा जो अनिवार्य रूप से सोने में निवेश किया जाता है।
Bhadohi News: डाक घर की जमा योजनाओं में जमा व निकासी के लिए मोबाइल नंबर हुआ अनिवार्य
भदोही: डाक घर की जमा योजनाओं में जमा व निकासी के लिए मोबाइल नंबर हुआ अनिवार्य: Photo- Social Media
Bhadohi News: भारत सरकार ने डाकघर की सभी बचत योजनाओं (post office savings schemes) में मोबाइल लिंकिंग अनिवार्य कर दिया है। इससे डाकघर डीमैट खाते के प्रकार बचत योजनाओं में जमा राशि और भी सुरक्षित हो जायेगी। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ऐसे खाताधारक जिनके खातों में मोबाइल नंबर लिंक नहीं है। उन्हें डाकघरों में जाकर अपना केवाईसी अपडेट कराना होगा और अपने खातों को मोबाइल नंबर से लिंक कराना होगा। इस हेतु अंतिम तिथि 31 मार्च 2०23 निर्धारित की गयी है।
31 मार्च तक खातों में मोबाइल नंबर लिंक कराना अनिवार्य
डाकघरों में खुल रहे नए खातों और एनएससी केवीपी में मोबाइल नंबर अनिवार्यत लिया जाता है परन्तु तमाम डीमैट खाते के प्रकार ऐसे पुराने खाते और एनएससी केवीपी भी हैं जिसमें अभी तक मोबाइल नंबर लिंक नहीं किया गया है। 31 मार्च तक अपने खातों में मोबाइल नंबर लिंक न कराने वाले खाताधारक अपने खातों से न तो रुपयों को निकाल पाएंगे न ही जमा कर पाएंगे और न ही खाता को बंद कर पाएंगे।
डाकघर बचत योजनाओं में बचत खाता एआरडीए टीडीए एमआईएसए पीपीएफए सीनियर सिटिजऩ सेविंग्स स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना एनएससीए केवीपी शामिल हैं। वाराणसी परिक्षेत्र में एनएससी केवीपी के अलावा लगभग 30 लाख खाते संचालित हैं। मोबाइल लिंकिंग के लाभों के बारे में बताते हुए पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि इससे ई- बैंकिंग मोबाइल बैंकिंग जैसे आधुनिक डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है वहीं समय.समय पर खातों में हुए लेन.देन की जानकारी भी मैसेज के माध्यम से घर बैठे प्राप्त होती है।
ई- पासबुक सेवा
इससे किसी भी प्रकार के गबन से भी बचा जा सकता है। खातों में मोबाइल नंबर लिंक होने से जहाँ टोल फ्री नंबर का प्रयोग कर आईवीआरएस सेवा के माध्यम से खाते के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी वहीं हाल में शुरू की गई ई- पासबुक सेवा का प्रयोग कर खातों में हुए लेन देन की जानकारी व मिनी स्टेटमेंट भी ऑनलाइन प्राप्त किये जा सकेंगे। पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि वित्तीय समावेशन और अंत्योदय में डाकघरों की अहम भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में डीमैट खाते के प्रकार अभी भी अधिकांश लोगों के खाते डाकघरों में खुले हुए हैं।
अब डाकघरों में भी एनईएफटी की सुविधा उपलब्ध है जिससे लोग बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें न्यूनतम सीमा 1 रुपये तथा अधिकतम 15 लाख रुपये है। डाकघर के माध्यम से एनईएफटी सेवा का शुल्क निर्धारित है। इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के तहत एनईएफटी सुविधा 24 घण्टे मुफ्त में उपलब्ध है। डाकघर खातों में धनराशि के ट्रांसफर के लिए देश के सभी डाकघरों के लिए केवल एक ही आईएफएससी कोड है।
State Bank of डीमैट खाते के प्रकार India Fixed Deposit Interest Rate
- एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट – (SBI Multi Option Deposit) यह बचत खाते और एफडी का एक संयोजन है ! निवेशक आंशिक रूप से राशि निकाल सकते हैं, जबकि शेष राशि ब्याज अर्जित करना जारी रखती है ! रुपये की न्यूनतम निवेश आवश्यकता के साथ कार्यकाल 1 से 5 वर्ष के बीच होता है 10,000
- SBI वार्षिकी जमा – (SBI Annuity Deposit) एकमुश्त राशि का निवेश किया जाता है, लेकिन भुगतान समान मासिक किस्तों के माध्यम से किया जाता है ! कार्यकाल के विकल्पों में 36, 60, 84 और 120 महीने शामिल हैं ! इस योजना के तहत न्यूनतम निवेश रु25,000 निवेशक की मृत्यु के बाद ही प्रारंभिक निकासी संभव है !
SBI FD में निवेश करने के लिए , व्यक्तियों या समूहों को निम्नलिखित विशेषताओं को पूरा करना होगा –
SBI FD चुनने के फायदे
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) द्वारा प्रस्तावित सावधि जमा की निम्नलिखित विशेषताएं इसे कई लोगों के लिए लाभदायक दृष्टिकोण बनाती हैं ! एफडी परिपक्वता के बाद निवेशक एकमुश्त राशि के रूप में ब्याज कमा सकते हैं !
व्यक्ति अपने जीवनसाथी या बच्चों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फिक्स्ड डिपॉजिट इंटरेस्ट रेट (State Bank of India Fixed Deposit Interest Rate) के लाभार्थी के रूप में नामांकित कर सकते हैं ! एफडी पर ब्याज की प्रतिस्पर्धी दर ! ऑटो-नवीकरण सुविधा लागू एफडी योजनाओं पर उपलब्ध है ! वरिष्ठ नागरिक अपने सावधि जमा निवेश पर अतिरिक्त ब्याज प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी हैं |
[यूपी गौ हत्या रोकथाम अधिनियम] इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी व्यक्ति को जमानत दी, कोर्ट ने कहा- गौ सेवा आयोग के अकाउंट में 10,000 रुपए जमा करें
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह गौ सेवा आयोग के अकाउंट में एक महीने के भीतर 10,000 डीमैट खाते के प्रकार रुपये जमा करेगा।
जस्टिस प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने सलीम नाम के एक व्यक्ति की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसके खिलाफ गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 की धारा 3/8 के तहत केस दर्ज किया गया था।
अदालत के समक्ष उनके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है।
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