© Reuters. यूपी : एग्रिस्टो बेल्जियम फूड सेक्टर में 300 करोड़ रुपये निवेश करने को तैयार

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में रौनक, वित्तवर्ष 2020-21 में 99.2 अरब डॉलर की जोरदार तेजी

Forex reserves News: वित्तवर्ष 2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में 24.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था.

देश में विदेशी निवेश वित्तवर्ष 2020-21 में 80.1 अरब डॉलर था. (ज़ी बिज़नेस)

Forex reserves News: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) में, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान मूल्यांकन प्रभाव सहित 99.2 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है. इससे पिछले वर्ष यह वृद्धि 64.9 अरब डॉलर थी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) पर मूल्यांकन लाभ, प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव होता है.

वित्तवर्ष 2020-21 में कितनी हुई बढ़ोतरी
खबर के मुताबिक, मूल्यांकन लाभ वर्ष 2020-21 के दौरान 11.9 अरब डॉलर था, जो वर्ष 2019-20 के दौरान 5.4 अरब डॉलर था. वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव के स्रोत पर इस रिपोर्ट के मुताबिक, भुगतान संतुलन (मूल्यांकन प्रभावों को छोड़कर) के आधार पर, वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 87.3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी.

2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर
वित्तवर्ष 2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में 24.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था. आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजी खाता 63.4 अरब डॉलर के बराबर था, जो पिछले वित्तवर्ष में 84.2 अरब डॉलर था. आंकड़ों से पता चलता है कि देश में विदेशी निवेश वित्तवर्ष 2020-21 में 80.1 अरब डॉलर था, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में यह 44.4 अरब डॉलर था.

पहली बार 600 अरब डॉलर को पार किया
देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) बीते 4 जून 2021 को खत्म सप्ताह में 6.842 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया था. विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं. इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित सम्पत्तियां भी शामिल हैं.

विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है?

क्या आप उस समय को याद कर सकते हैं जब आप बचपन में नोट और सिक्के एकत्र किया करते थे? ज्यादातर, उस समय, बच्चों का झुकाव विदेशी मुद्रा की ओर अधिक था। सिग्नेचर से लेकर कलर तक सब कुछ आंखों में झिलमिलाहट दे रहा था।

और, जैसे-जैसे उनमें से कई बड़े हुए, उनमें एक मुद्रा का शेष विश्व की मुद्रा से संबंध का पता लगाने की जिज्ञासा होने लगी। यह अवधारणा विदेशी मुद्रा व्यापार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे विदेशी मुद्रा व्यापार भी कहा जाता है। अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें।

Forex Trading

विदेशी मुद्रा बाजार क्या है?

विदेशी मुद्रा (एफएक्स) एक बाज़ार है जहाँ कई राष्ट्रीय मुद्राओं का कारोबार होता है। यह सबसे अधिक तरल और सबसे बड़ा हैमंडी दुनिया भर में हर दिन खरबों डॉलर का आदान-प्रदान हो रहा है। यहां एक रोमांचक पहलू यह है कि यह एक केंद्रीकृत बाजार नहीं है; बल्कि, यह दलालों, व्यक्तिगत व्यापारियों, संस्थानों और बैंकों का एक इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क है।

बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा बाजार न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, सिंगापुर, सिडनी, हांगकांग और फ्रैंकफर्ट जैसे प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्रों में स्थित हैं। संस्थाएं हों या व्यक्तिगत निवेशक, वे इस नेटवर्क पर मुद्राओं को बेचने या खरीदने का आदेश पोस्ट करते हैं; और इस प्रकार, वे एक दूसरे के साथ विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ बातचीत करते हैं और अन्य पार्टियों के साथ मुद्राओं का आदान-प्रदान करते हैं।

यह विदेशी मुद्रा बाजार चौबीसों घंटे खुला रहता है, लेकिन किसी भी राष्ट्रीय या अचानक छुट्टियों को छोड़कर, सप्ताह में पांच दिन खुला रहता है।

विदेशी मुद्रा जोड़े और मूल्य निर्धारण

ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार एक जोड़ी तरीके से होता है, जैसे EUR/USD, USD/JPY, या USD/CAD, और बहुत कुछ। ये जोड़े राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि यूएसडी अमेरिकी डॉलर के लिए खड़ा होगा; सीएडी कैनेडियन डॉलर और अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।

इस जोड़ी के साथ, उनमें से प्रत्येक के साथ एक मूल्य जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, मान लें कि कीमत 1.2678 है। अगर यह कीमत एक USD/CAD जोड़ी से जुड़ी है, तो इसका मतलब है कि आपको एक USD खरीदने के लिए 1.2678 CAD का भुगतान करना होगा। याद रखें विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ कि यह कीमत तय नहीं है और उसी के अनुसार बढ़ या घट सकती है।

ट्रेडिंग कैसे होती है?

चूंकि सप्ताह के दिनों में बाजार 24 घंटे खुला रहता है, आप किसी भी समय मुद्रा खरीद या बेच सकते हैं। पहले, मुद्रा व्यापार केवल तक ही सीमित थाहेज फंड, बड़ी कंपनियां, और सरकारें। हालांकि मौजूदा समय में कोई भी इसे जारी रख सकता है।

कई बैंक, निवेश फर्म, साथ ही खुदरा विदेशी मुद्रा दलाल हैं जो आपको खाते और व्यापार मुद्राएं खोलने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस बाजार में व्यापार करते समय, आप किसी विशिष्ट देश की मुद्रा को दूसरे के लिए प्रासंगिकता में खरीदते या बेचते हैं।

हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। इस इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में, आमतौर पर, व्यापारी एक निश्चित मुद्रा में एक स्थिति लेते हैं और आशा करते हैं कि खरीदारी करते समय मुद्रा में ऊपर की ओर गति हो सकती है या बेचते समय कमजोरी हो सकती है ताकि इससे लाभ कमाया जा सके।

इसके अलावा, आप हमेशा दूसरी मुद्रा के लिए प्रासंगिकता में व्यापार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक को बेच रहे हैं, तो आप दूसरा खरीद रहे हैं और इसके विपरीत। ऑनलाइन बाजार में, लेनदेन की कीमतों के बीच उत्पन्न होने वाले अंतर पर लाभ कमाया जा सकता है।

विदेशी मुद्रा व्यापार के तरीके

मूल रूप से, तीन तरीके हैं जो निगम, व्यक्ति और संस्थान विदेशी मुद्रा ऑनलाइन व्यापार करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे:

हाजिर बाजार

विशेष रूप से, यह बाजार सभी मुद्राओं को उनकी वर्तमान कीमत के अनुसार खरीदने और बेचने के लिए है। कीमत मांग और आपूर्ति से निर्धारित होती है और राजनीतिक स्थितियों, आर्थिक प्रदर्शन और वर्तमान ब्याज दरों सहित कई कारकों को दर्शाती है। इस बाजार में, एक अंतिम सौदे को स्पॉट डील कहा जाता है।

वायदा बाजार

हाजिर बाजार के विपरीत, यह अनुबंधों के व्यापार में एक सौदा है। वे उन पार्टियों के बीच ओटीसी खरीदे और बेचे जाते हैं जो खुद समझौते की शर्तों को समझते हैं।

वायदा बाजार

इस बाजार में, वायदा अनुबंधों को खरीदा और बेचा जाता हैआधार शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज जैसे सार्वजनिक जिंस बाजारों पर उनके मानक आकार और निपटान की तारीख। इन अनुबंधों में कुछ विवरण शामिल होते हैं, जैसे कारोबार की गई इकाइयां, वितरण, मूल्य में न्यूनतम वृद्धि और निपटान तिथियां।

प्रशिक्षण की आवश्यकता

विदेशी मुद्रा व्यापार के गतिशील वातावरण में पर्याप्त प्रशिक्षण आवश्यक है। चाहे आप एक अनुभवी या मुद्रा व्यापार के विशेषज्ञ हों, लगातार और संतोषजनक लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना आवश्यक है।

बेशक, इसे करने से आसान कहा जा सकता है; लेकिन असंभव कभी नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपनी सफलता को न छोड़ें, अपना प्रशिक्षण कभी बंद न करें। एक मौलिक व्यापारिक आदत विकसित करें, वेबिनार में भाग लें और यथासंभव प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें।

यूपी : एग्रिस्टो बेल्जियम फूड सेक्टर में 300 करोड़ रुपये निवेश करने को तैयार

शेयर बाजार 13 दिसम्बर 2022 ,22:15

यूपी : एग्रिस्टो बेल्जियम फूड सेक्टर में 300 करोड़ रुपये निवेश करने को तैयार

© Reuters. यूपी : एग्रिस्टो बेल्जियम फूड सेक्टर में 300 करोड़ रुपये निवेश करने को तैयार

लखनऊ, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। विभिन्न देशों से उत्तर प्रदेश में बड़ा निवेश लाने के प्रयास में जुटी टीम योगी को हर नए दिन की शुरुआत के साथ नए और सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। टीम योगी के इन प्रयासों का नतीजा है कि विभिन्न देशों के निवेशक न सिर्फ विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ यूपी में बड़े निवेश के लिए तैयार हैं, बल्कि फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने को भी बेताब हैं।इसी क्रम में मंगलवार को भी विभिन्न देशों में टीम योगी ने उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर दिग्गज निवेशकों से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस, टूरिज्म समेत अनेक क्षेत्रों में निवेश का प्रस्ताव दिया। इस दौरान निवेशकों को प्रदेश में सुरक्षित निवेश, बेहतर माहौल और सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

कई निवेशकों की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की रुचि जाहिर की गई, जबकि वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की ओर से दो महत्वपूर्ण एमओयू पर भी साइन हुए। वहीं एग्रिस्टो बेल्जियम ने प्रदेश के फूड सेक्टर में 2023 में 300 करोड़ रुपये के निवेश का इरादा जताया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य की योगी सरकार ने फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के मंत्रियों और अधिकारियों की टीम विदेशों में रोड शो व वन टू वन बिजनेस मीटिंग के जरिए निवेशकों को आमंत्रित कर रही है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना एवं पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने रोड शो का आयोजन किया और उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों व सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी), इन्वेस्टमेंट क्यूबेक, कनाडा इंडिया ग्लोबल फोरम और इंडो कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर चर्चा की।

राज्य के टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर आशीष पटेल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरिया में रोड शो का आयोजन किया। इस दौरान कोरियन डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को राज्य में बन रहे डिफेंस कॉरीडोर विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वाइस प्रेसीडेंट ग्लोबल गवर्नमेंट चुन सांग पिल समेत अन्य निवेशकों को यूपीजीआईएस के लिए आमंत्रित किया गया।

सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री व विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी एयरक्राफ्ट निर्माता सिकोर्सिकी के मुख्य प्लांट को देखने कनेटकट के स्ट्राटफोर्ड पहुंचा। यहां प्रतिनिधिमंडल ने सिकोर्सिकी के सीईओ, वाइस प्रेसीडेंट और सीईओ इंडिया ऑपरेशंस के साथ मुलाकात की और डिफेंस के क्षेत्र में भागीदारी पर चर्चा की। इस अवसर पर यह भी देखा गया कि सिकोर्सकी फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर व मिसाइल के क्षेत्र में कैसे काम कर रहा है और प्लांट में बन रहे ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स का भी अवलोकन किया गया।

बेल्जियम में औद्योगिक विकास मंत्री और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने एग्रिस्टो बेल्जियम के साथ निवेश पर चर्चा की। इस दौरान कंपनी की बिजनेस हेड स्टेफनी ड्यूमोर्टियर ने उत्तर प्रदेश सरकार के बिजनौर में फूड सेक्टर पर 200 करोड़ रुपये निवेश किए हैं और उनके 2023 में 300 करोड़ रुपये और खर्च करने की योजना है। कंपनी 2025 में भी 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी पहुंचा और यहां वाइस चांसलर प्रो. बार्ने ग्लोवर एओ व अन्य सीनियर प्रोफेसर्स से मिला। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिवर्सिटी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी को लेकर भी चर्चा हुई। साथ ही बैठक के बीच वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट और स्किल डेवलपमेंट व डिजास्टर मैनेजमेंट में आम भागीदारी के लिए दो महत्वपूर्ण एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।

एमएसएमई मिनिस्टर राकेश सचान की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल यूएई के अबुधाबी पहुंचा। मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल ने वीपीएच हेल्थकेयर के डॉ. शमशीर से मुलाकात की और मेडिकल और फैसिलिटेशन के क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण दिया। बातचीत के दौरान वीपीएच हेल्थकेयर भी उत्तर प्रदेश में निवेश को उत्सुक नजर आया।

दूसरी तरफ, ब्राजील में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मत्स्यपालन मंत्री संजय निषाद की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजीलियन डिफेंस इंडस्ट्री के साथ बैठक की और उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेंस कॉरीडोर में निवेश का प्रस्ताव रखा।

इस अवसर पर ब्राजील डिफेंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने यूपी में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में निवेश व इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के प्रति उत्साह दिखाया। ब्रजेश पाठक विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ ने ट्वीट कर बताया कि यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना के लिए ब्राजील के रक्षा विशेषज्ञ जनरल ब्रीटो, वरिष्ठ अधिकारियों एवं उद्योगपतियों के साथ विभिन्न विषयों पर प्रभावी एवं सार्थक चर्चा हुई है।

Forex Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना हमेशा अच्छे संकेत ही नहीं देता, जानिए क्यों

विदेशी मुद्रा भंडार (Forex विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ Reserve) में इस वृद्धि से मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता (Macro economic stability) लाने में काफी मदद मिलती है। फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) से होने वाली सुविधाओं की बात करें विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ तो हमारे पास अब 18 महीने के आयात के हिसाब से पर्याप्त डॉलर मौजूद है।

हाइलाइट्स

  • विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में वृद्धि से मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता लाने में काफी मदद मिलती है।
  • भारत के साथ एक खास बात यह है कि हम एक्सपोर्ट सरप्लस देश नहीं हैं।
  • पूंजी निवेश में जोरदार वृद्धि की वजह से हमारा डॉलर का भंडार (Forex Reserve) भर रहा है।

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नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) $605 अरब के रिकॉर्ड को पार कर गया है। इस तेजी का कारण विदेशी मुद्रा संपत्तियों (Foreign Currency Assets) में हुई अच्छी वृद्धि है। यह कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है। इस नए रिकॉर्ड के साथ भारत फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) के मामले में रूस को पीछे छोड़ दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने के फायदे
विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में इस वृद्धि से मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता लाने में काफी मदद मिलती है। फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) से होने वाली सुविधाओं की बात करें तो हमारे पास अब 18 महीने के आयात के हिसाब से पर्याप्त डॉलर मौजूद है। अगर विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ साल 1991 की बात करें तो उस समय हमारे पास 2 हफ्ते का फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) भी नहीं था। फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) की जरूरत कच्चे तेल के आयात, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स आदि के मामले में होती है। भारत कई चीजों के आयात के लिए दुनिया के दूसरे देशों पर निर्भर है। इसमें वैक्सीन, स्टील, ऑटो कंपोनेंट आदि शामिल है। इन सब बातों के बीच सवाल यह है कि क्या बहुत अधिक मात्रा में डॉलर जमा होने (Forex Reserve) के विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ कुछ नुकसान भी हैं।

एक्सपोर्ट सरप्लस देश नहीं है भारत
अगर बात दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंक की करें तो डॉलर जमा करने वाले (Forex Reserve) सेंट्रल बैंक में चीन, रूस, सऊदी अरब और जापान आदि शामिल हैं। भारत के साथ एक खास बात यह है कि हम एक्सपोर्ट सरप्लस देश नहीं हैं। जिन देशों का निर्यात अधिक होता है वहां वे हद से ज्यादा डॉलर कमाते हैं। हमारे साथ स्थिति उल्टी है। एशियाई देशों में भारत करंट अकाउंट डिफिसिट (Current account Deficit) के मामले में शीर्ष पर है। हम निर्यात से अधिक सामान का आयात करते हैं। वास्तव में हमारे फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (Forex Reserve) में इतनी बड़ी वृद्धि फायदेमंद साबित नहीं हो सकती। अगर हर साल हमारा डॉलर अधिक खर्च होता है तो हमारा फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) कैसे बढ़ सकता है?

विदेशी निवेश लोन की तरह
इसकी वजह यह है कि करंट अकाउंट डेफिसिट (Current account Deficit) होने के बाद भी पूंजी निवेश में जोरदार वृद्धि की वजह से हमारा डॉलर विदेशी मुद्रा में निवेश से होता है बड़ा लाभ का भंडार (Forex Reserve) भर रहा है। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (FPI) या फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) के माध्यम से भारत में डॉलर की आवक बढ़ रही है। डॉलर के इस आवक की वजह से शेयरों की खरीदारी बढ़ रही है जिससे यह भरोसा होता है कि भारत के जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) की संभावनाओं पर विदेशी निवेशकों (FII) का भरोसा बना हुआ है।

500 अरब डॉलर का निवेश
पिछले तीन दशक में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश आया है। शेयर बाजार (Stock Market) में विदेशी निवेशक जो निवेश करते हैं वे वास्तव में एक लोन की तरह हैं। इन्हें एक्सटर्नल कमर्शियल बौरोइंग (ECB) कहते हैं। मौजूदा विदेशी लोन की बात करें तो यह करीब $560 अरब या हमारे फॉरेक्स रिजर्व के 93 फीसदी के बराबर है। हमारे फॉरेक्स रिजर्व में वृद्धि का यह एक बड़ा कारण है। शेयर बाजार (Stock Market) में किया गया निवेश किसी भी समय निकाला जा सकता है और इससे बड़ा संकट सामने आ सकता है।

गोल्ड भंडार में कमी
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित संपत्ति भी शामिल हैं। देश का स्वर्ण भंडार 50.2 करोड़ डॉलर घटकर 37.604 अरब डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.513 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ (IMF) के पास देश का आरक्षित भंडार भी 1.6 करोड़ डॉलर घटकर पांच अरब डॉलर रह गया।

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