Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है
निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।
What is Nifty in Hindi?
निफ्टी क्या है?
NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।
निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है
निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।
संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।
भारत में दो सूचकांक है
निफ्टी की जानकारी?
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।
NSE में 1600 से भी ज्यादा companies registered है। निफ्टी इन सभी कंपनियों को इंडेक्स नही करता। निफ्टी में इंडेक्स होने के लिए देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे बड़ी, आर्थिक रूप से मजबूत तथा सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
ये कंपनिया देश के कई क्षेत्रों(sector) जैसे – Bank, Real estate, Media, Information technology, Auto, Financial services, Pharma, Metal, FMCG, Energy इत्यादि वर्गों से आती है।
निफ्टी की शुरुआत वर्ष 1994 से हुयी थी, जबकि इसका base year एक वर्ष बाद नवंबर 1995 है, तथा base value 1000 है।
यहाँ Base Year तथा Base Value कहने का मतलब यह है की Nifty को वर्ष 1995 के Market Cap एवं base value 1000 को आधार मानकर कैलकुलेट करते है।
Nifty का प्रबंधन India Index Services and Products (IISL) करता है। निफ्टी के टॉप 50 कंपनियों में शामिल होने के लिए बीएसई-सेंसेक्स की तरह ही कंपनियों को कई शर्तों को पूरा करने की जरुरत पड़ती है। जिन्हें आप हमारे पिछले लेख: सेंसेक्स क्या होता है? में पढ़ सकते है।
निफ्टी की गणना कैसे होती है?
How Nifty is calculated in Hindi
निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।
जो इस प्रकार है –
- Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
- Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है
इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।
Market Capitalisation(बाजार पूंजी) : Market Capitalisation किसी कंपनी की कीमत होती है।
Free-float Market Capitalisation : यह किसी कंपनी के शेयर का वो खुला हुआ हिस्सा होता है जो खरीदने के लिए उपलब्ध होता है। इसे open market share भी कहते है। ये स्टॉक मार्केट से खरीदा जा सकता है।
1991 – 2022 के वर्षों में निफ्टी का प्रदर्शन
NIFTY 1991-2022, Source: TradingView chart
निफ्टी क्या होता है और इसकी गणना कैसे होती है? आप जान चुके होंगे। शेयर बाजार में निवेश करने के पहले किन जरुरी बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए आप इस निचे के लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
शेयर बाजार में निवेश के कुछ जरूरी टिप्स(10+ Tips for Investing in Share Bazar)
धन्यवाद, इस वेबसाइट पर हम सुनिश्चित करते है की यहाँ लिखे आर्टिकल्स आपके लिए लाभकारी तथा त्रुटिरहित हो। ऊपर के इस शेयर बटन से आप इस आर्टिकल को अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते है। यदि इस आर्टिकल से आप नोट या सुविचार लेना चाहते हैं तो आप स्क्रीनशॉट लेकर सेव कर सकते है, या पृष्ठ को बुकमार्क कर सकते है।
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Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है
गाइड: सेंसेक्स क्या होता है? – गणना की पूरी जानकारी
गाइड: शेयर क्या होता है – शेयर बाजार की जानकारी
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
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निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।
What is Nifty in Hindi?
निफ्टी क्या है?
NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।
निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है
निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।
संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।
भारत में दो सूचकांक है
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Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।
NSE में 1600 से भी ज्यादा companies registered है। निफ्टी इन सभी कंपनियों को इंडेक्स नही करता। निफ्टी में इंडेक्स होने के लिए देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे बड़ी, आर्थिक रूप से मजबूत तथा सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
ये कंपनिया देश के कई क्षेत्रों(sector) जैसे – Bank, Real estate, Media, Information technology, Auto, Financial services, Pharma, Metal, FMCG, Energy इत्यादि वर्गों से आती है।
निफ्टी की शुरुआत वर्ष 1994 से हुयी थी, जबकि इसका base year एक वर्ष बाद नवंबर 1995 है, तथा base value 1000 है।
यहाँ Base Year तथा Base Value कहने का मतलब यह है की Nifty को वर्ष 1995 के Market Cap एवं base value 1000 को आधार मानकर कैलकुलेट करते है।
Nifty का प्रबंधन India Index Services and Products (IISL) करता है। निफ्टी के टॉप 50 कंपनियों में शामिल होने के लिए बीएसई-सेंसेक्स की तरह ही कंपनियों को कई शर्तों को पूरा करने की जरुरत पड़ती है। जिन्हें आप हमारे पिछले लेख: सेंसेक्स क्या होता है? में पढ़ सकते है।
निफ्टी की गणना कैसे होती है?
How Nifty is calculated in Hindi
निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार शेयर बाजार संकेतक क्या है पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।
जो इस प्रकार है –
- Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
- Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है
इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।
Market Capitalisation(बाजार पूंजी) : Market Capitalisation किसी कंपनी की कीमत होती है।
Free-float Market Capitalisation : यह किसी कंपनी के शेयर का वो खुला हुआ हिस्सा होता है जो खरीदने के लिए उपलब्ध होता है। इसे open market share भी कहते है। ये स्टॉक मार्केट से खरीदा जा सकता है।
1991 – 2022 के वर्षों में निफ्टी का प्रदर्शन
NIFTY 1991-2022, Source: TradingView chart
निफ्टी क्या होता है और इसकी गणना कैसे होती है? आप जान चुके होंगे। शेयर बाजार में निवेश करने के पहले किन जरुरी बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए आप इस निचे के लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
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धन्यवाद, इस वेबसाइट पर हम सुनिश्चित करते है की यहाँ लिखे आर्टिकल्स आपके लिए लाभकारी तथा त्रुटिरहित हो। ऊपर के इस शेयर बटन से आप इस आर्टिकल को अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते है। यदि इस आर्टिकल से आप नोट या सुविचार लेना चाहते हैं तो आप स्क्रीनशॉट लेकर सेव कर सकते है, या पृष्ठ को बुकमार्क कर सकते है।
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वैश्विक संकेतक, कच्चे तेल के दाम तय करेंगे शेयर बाजार की चाल
शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू स्तर के साथ साथ वैश्विक बाजारों में किसी तरह को कोई बड़ा संकेत नहीं होने की वजह से बाजार सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
शेयर बाजार (फाइल फोटो)
वैश्विक बाजारों का रुख और कच्चे तेल की कीमतें आगामी सप्ताह के दौरान शेयर बाजार में कारोबार चाल तय करेंगी। विशेषज्ञों ने हालांकि यह भी कहा है कि आकर्षक दाम पर शेयरों की उपलब्धता से भी बाजार को सहारा मिल सकता है और इसमें सुधार की गुंजाइश है। शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू स्तर के साथ साथ वैश्विक बाजारों में किसी तरह को कोई बड़ा संकेत नहीं होने की वजह से बाजार सीमित दायरे में रहने की संभावना है। इसके अलावा वर्षांत की आगामी छुट्टियों के कारण भी कारोबार धीमा रहने की संभावना है। आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेन्ट्स के निदेशक एवं शोध प्रमुख अबनीश कुमार सुधांशु ने कहा, ‘निरंतर वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों की स्थिति रहने के बाद आने वाले सप्ताह में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा जिससे की बाजार संकेत ग्रहण करे।’ उन्होंने आगे कहा कि कुछ नोटों को चलन से बाहर करने का भी अल्पावधि में शेयर बाजार में असर दिख रहा है तथा इससे संबंधित कोई अच्छी या बुरी खबर बाजार को प्रभावित कर सकती है। बाजार में कुछ शेयर विशेष में कारोबारी दिलचस्पी लेंगे। टाटा समूह की कुछ कंपनियों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) इस सप्ताह होगी जो साइरस मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर मतदान होगा।
सुधांशु ने कहा, ‘हम निवेशकों को फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद मुद्रा के उतार चढ़ाव पर नजर रखने की सलाह देंगे। हमें कुछ समय के लिए आईटी कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की निगाह होने की उम्मीद है। इसके अलावा सरकार के डिजिटल भारत अभियान में सरकार के बढ़ते ध्यान पर भी निवेशकों की निगाह होगी।’ जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि निकट भविष्य में भारत के कारोबार का स्तर कम रहने की उम्मीद है क्योंकि मजबूत होते डॉलर और बढ़ती तेल कीमतों पर पहले ही बाजार पर दबाव कायम है। वैश्विक संकेतों के लिहाज से आने वाले सप्ताह में अमेरिका के घरों की बिक्री के आंकड़े और उसके कच्चे तेल के भंडार के आंकड़े जारी होने हैं। गत 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 257.62 अंक यानी 0.96 प्रतिशत और एनएसई का निफ्टी 122.30 अंक यानी 1.48 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। यह साप्ताहिक गिरावट 18 नवंबर के बाद किसी एक सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट है।
Shani Transit: 30 साल बाद शनि देव अपनी मूल त्रिकोण शेयर बाजार संकेतक क्या है राशि कुंभ में करेंगे प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिल सकता है अपार पैसा और पद- प्रतिष्ठा
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गिरावट के साथ खुले घरेलू शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9:05 बजे 95.12 अंक या 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ 43262.07 के स्तर पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 40.40 अंक या 0.32 फीसदी लुढ़कर 12,650.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले भी बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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Buffett Indicator ने भारतीय शेयर मार्केट के बारे में दिए चिंताजनक संकेत, जानिए बाज़ार का अनुमान लगाने में कितना कारगर है ये इंडिकेटर
Buffett Indicator : दुनिया के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट के बनाए इस इंडिकेटर का इस्तेमाल बाजार की चाल का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है.
बफेट इंडिकेटर मार्केट कैप और जीडीपी रेशियो का अनुपात है. इसे फीसदी में व्यक्त किया जाता है. (Image- Reuters)
Buffett Indicator: कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर के बाजारों में भगदड़ की स्थिति आ गई थी और बाजार औंधे मुंह गिरे थे. इससे उबरने के बाद स्टॉक मार्केट नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए. हालांकि कुछ जानकार इस तेजी को लेकर सशंकित हैं कि मार्केट में जिस हिसाब से तेजी आई है, उसी हिसाब से करेक्शन देखने को मिल सकता है. स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले बाजार के जानकार कुछ तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिससे बाजार की चाल का अनुमान लगाया जाता है. ऐसा ही एक तरीका बफेट इंडिकेटर है जिससे बाजार के ओवरवैल्यू, फेयरवैल्यू या अंडरवैल्यू होने का संकेत मिलता है.
बफेट इंडिकेटर बाजार की चाल को मापने का तरीका है. दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट ने करीब 20 साल पहले इसे प्रस्तावित किया था और कहा था कि यह किसी भी समय में बाजार की कीमत मापने का संभवत: सबसे बेहतर तरीका है. इस इंडिकेटर के हिसाब से भारतीय शेयर बाजार की तेजी डराने वाली है यानी इसमें तेज करेक्शन दिख सकता है.
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Buffett Indicator दे रहा खतरनाक संकेत
बफेट इंडिकेटर मार्केट कैप और जीडीपी रेशियो का अनुपात है. इसे फीसदी में व्यक्त किया जाता है. इस समय यह 118.24 फीसदी पर है जो ओवरवैल्यूड है. बफेट इंडिकेटर को एक और तरीके से व्यक्त किया जाता है. इसमें मार्केट कैप और जीडीपी व केंद्रीय बैंक के कुल एसेट्स का अनुपात निकाला जाता है. हालांकि इस तरीके से भी भारतीय शेयर मार्केट के लिए बफेट इंडिकेटर 102.86 फीसदी जो कि ओवरवैल्यूड है.
इंडिकेटर अधिक होने का मतलब भाव महंगा
वॉरेन बफेट इंडिटेकर के अधिक होने का मतलब है भारतीय शेयरों की वैल्यू अधिक हो गई है और इसकी तुलना में जीडीपी ग्रोथ व कंपनियों की कमाई शेयर बाजार संकेतक क्या है धीमी है. बफेट ने एक बिजनेस पत्रिका ‘फॉर्च्यून’ में 10 सितंबर 2001 को लिए एक आर्टिकल में जब इसका जिक्र किया था तो कहा था कि यह बाजार की चाल को मापने का सबसे बेहतर तरीका है. बफेट के मुताबिक अगर मार्केट कैप और जीडीपी का फीसदी रेशियो 70-80% के बीच है तो शेयरों की खरीदारी का बेहतर मौका है लेकिन जब यही रेशियो 200 फीसदी से अधिक पहुंच जाता है तो ऐसे समय में शेयरों में निवेश करना आग से खेलने जैसा है.
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