ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।

ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?

जेरोधा काइट में ट्रेड कैसे करें?

  1. Zerodha Kite वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करें
  2. अपने Zerodha अकाउंट में फंड जोड़ें
  3. अपनी मार्केट वॉच में अपनी इच्छा के अनुसार ऑप्शन जोड़ें
  4. ऑप्शन के लिए Buy Order दें
  5. ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को समझें
  6. ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद वेरीफाई करें

पुट कॉल क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।

ज़ेरोधा में विकल्प प्रीमियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।

ऑप्शन सेलिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआपशन बेचने एक प्रीमियम ट्रेडिंग खाता क्या है को शॉर्टिंग आ कॉल ऑप्शन –’Shorting a call option’ कहते हैं या कभी कभी सिर्फ शार्ट कॉल –’Short Call’ भी कहते हैं। जब आप ऑप्शन बेचते हैं तो आपको प्रीमियम के तौर पर एक रकम मिलती है। ऑप्शन बेचने वाले का मुनाफा सीमित होता है- उतना ही जितना कि उसे प्रीमियम मिला है लेकिन उसका नुकसान असीमित हो सकता है।

शेयर मार्केट में कॉल ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।

ऐसे जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी हर बात, होगा फायदा

Option Trading

पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में ऑप्शन सेगमेंट की ट्रेडिंग गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फ्यूचर और ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में दैनिक कारोबार 4 लाख करोड़ को पार कर गई है और इस इंडेक्स में ऑप्शन का 80% से अधिक योगदान रहा है। यही कारोबार बैंक निफ्टी पर साप्ताहिक और मासिक समाप्ति के दिनों पर 10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। आजकल ऑप्शन सेगमेंट अपनी प्रोफ़ाइल के कारण अधिक लोकप्रिय हो गया है और यह 50 ओवर या टेस्ट सिरीज मैचों की तुलना में आईपीएल या टी-20 मैचों की लोकप्रियता की तरह ही लगता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि यह सभी प्रकार के बाजार सेंटिमेंट्स का लाभ पाने का अवसर प्रदान करती है चाहे वह बुलिश, बियरिश, रेंज बाउंड या अत्यधिक अस्थिर हो। आइए पहले समझें कि ऑप्शन है क्या जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है? नकद बाजार, जहाँ शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, के अलावा एक्सचेंज में एक ऐसा सेगमेंट भी होता है जहाँ इन शेयरों या इंडेक्स के भविष्य और विकल्प खरीदे या बेचे जाते हैं।

सामान्य खाता

एसामान्य खाता बीमाकर्ता द्वारा उन नीतियों से प्रीमियम जमा करने के लिए उपयोग किया जाता है जो अंडरराइट की जाती हैं और जहां से वे व्यवसाय के दैनिक संचालन को निधि देते हैं। हालाँकि, यहाँ जो ध्यान दिया जाना चाहिए वह यह है कि एक सामान्य खाता समर्पित नहीं करता हैसंपार्श्विक एक निश्चित नीति के लिए, बल्कि यह प्रत्येक फंड को समग्र रूप से मानता है।

सामान्य खातों की व्याख्या

जब एकबीमा फर्म एक पॉलिसी एक प्रीमियम ट्रेडिंग खाता क्या है को अंडरराइट करती है, उसे भुगतान किया जाता है aअधिमूल्य पॉलिसीधारक द्वारा। ऐसे प्रीमियम बीमाकर्ता के सामान्य खाते में जमा हो जाते हैं। बीमाकर्ता तब इन निधियों का विभिन्न तरीकों से उपयोग करता है।

General Account

इन निधियों को एक हानि आरक्षित के रूप में भी अलग रखा जा सकता है, जिसका उपयोग उन नुकसानों को कवर करने के लिए किया जाता है जिनकी एक वर्ष के भीतर होने की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा, इन निधियों का उपयोग कर्मियों, संचालन और अतिरिक्त व्यावसायिक व्यय के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है।

लाभप्रदता बढ़ाने के लिए, इनमें से कुछ प्रीमियम को अलग-अलग जोखिम वाली तरलता और प्रोफाइल की संपत्ति में भी निवेश किया जा सकता है। इसके अलावा, सामान्य खाते में रखी गई संपत्तियां आम तौर पर सामान्य खाते के स्वामित्व में होती हैं और सभी समेकित नीतियों के बजाय कुछ नीति के लिए जिम्मेदार नहीं होती हैं।

हालांकि, कुछ देनदारियों या नीतियों के लिए संपत्ति को अलग रखने के लिए बीमाकर्ता कुछ अलग खाते बनाने का विकल्प चुन सकता है। अलग-अलग खातों में ये संपत्तियां अलग-अलग खातों से जुड़ी पॉलिसी के जोखिमों को कवर करने के लिए क्यूरेट की जाती हैं।

लेकिन अगर अलग खाते में रखी गई संपत्ति को अपर्याप्त माना जाता है; बीमाकर्ता अंतर को भरने के लिए सामान्य खाते से धन का उपयोग कर सकता है।

सामान्य खाते की निवेश रणनीति

सामान्य खाते में रखी गई संपत्तियों को आंतरिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। या, प्रबंधन इन संपत्तियों को विनियमित करने के लिए एक तृतीय-पक्ष प्राप्त कर सकता है। उत्पादों में बदलाव, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और आक्रामक मूल्य निर्धारण ने कई बीमा कंपनी के अधिकारियों को अपनी बुनियादी बातों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर किया हैनिवेश सामान्य खाते में धन के लिए रणनीति।

जोखिम उठाने का माद्दा कई के लिएबीमा कंपनी कम होने की संभावना है क्योंकि उन्हें यह गारंटी देनी होगी कि देनदारियों को कवर करने के लिए धन उपलब्ध रहेगा। आम तौर पर, सामान्य खाता निवेश पोर्टफोलियो में बंधक और निवेश-ग्रेड शामिल होते हैंबांड.

अस्थिरता और जोखिम के कारण, इक्विटी और स्टॉक निवेश सामान्य खाते के पोर्टफोलियो में व्यापक रूप से शामिल नहीं हैं।

Call And Put Option क्या होते है ? और इसमे ट्रेडिंग कैसे करे यहाँ जाने पूरी जानकारी

शेयर बाजार मे निवेश करने वाले और रोजाना ट्रेडिंग करने वाले ऐसे 2 प्रकार के लोग होते है। रोजाना ट्रेडिंग करने ले लिए भी काफी सारे विकल्प मौजूद है ऑप्शन ट्रेडिंग ट्रेडिंग भी ऐसा ही एक विकल्प है जिसमे कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग की जा सकती है। ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास शेयर बाजार का काफी सारा ज्ञान अनुभव जरुरी है हलाकि इसी समय अगर आप इस विकल्प को अच्छी तरह से सिख ले तो ट्रेडिंग करना आसान हो जाता है।

शेयर बाजार मे ट्रेडिंग करने के तरीके :(Ways To Invest In Share Market)

1 कॅश : (Cash)

  • शेयर बाजार मे आप सीधे कॅश के जरिये शेयर खरीद सकते है जिसके लिए आपको पूरी शेयर राशि का भुगतान करना पड़ता है। (इसे आप इक्विटी शेयर निवेश ट्रेडिंग कह सकते है)
  • इस विकल्पर के जरिये आप सिर्फ आपके पास मौजूद कॅश के जितने ही शेयर खरीद सकते है निवेश कर सकते है।

2 फीचर :(Feature Trading)

  • फीचर ट्रेडिंग डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है।
  • इस ट्रेडिंग विकल्प मे निवेशक आने वाले तारीख मे निवेश के लिए समझौता करता है।
  • फीचर ट्रेडिंग के लिए निवेश करते समय निवेशक को कुल निवेश से सिर्फ कुछ राशि का ही भुगतान करना होता है।

3 ऑप्शन :(Option Trading)

  • ऑप्शन ट्रेडिंग मे आपको ट्रेड करने के लिए 2 विकल्प मिलते है जिसके जरिये आप ट्रेडिंग कर सकते है।
  • यह विकल्प आम शेयर बाजार से काफी अलग होता है शेयर बाजार मे शेयर की कीमत ऊपर जाने पर आपको मुनाफा होता है।
  • लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग मे आप शेयर की कीमत ऊपर या निचे जाने पर भी पैसे कमा सकते है।
  • अगर किसी शेयर के निचे जाने पर आप पैसे लगते है और शेयर निचे चला जाता है तो आपको मुनाफा होगा।

कॉल और पुट ऑप्शन क्या है ?(What Is Call And Put Option)

कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग पहली बार समझने मे काफी कठिन लगती है लेकिन एक बार इसके बारे मे जानने के बाद यह काफी आसान हो जाता है।

क्या होता है डीमैट अकाउंट (Demat Account) और शेयर बाजार (Share Market) में ट्रेडिंग के लिए क्यों है जरूरी

डीमैट अकाउंट (Demat Account) - फाइल फोटो

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) खुलवाना जरूरी है. आपके पास सेविंग अकाउंट (Saving Account) है इसके बावजूद डीमैट अकाउंट क्यों खुलवाना जरूरी है. इसके अलावा और इसकी उपयोगिता क्या है. उन सभी बातों को सरल भाषा में समझने का प्रयास इस रिपोर्ट में करेंगे.

क्या है डीमैट अकाउंट - What is Demat Account
मान लीजिए कि आपके पास बचत खाता (Saving Account) है और उसमें आप आप अपना पैसा जमा करते हैं. वहीं डीमैट अकाउंट में आप पैसा नहीं जमा कर सकते. टेडर्स जो भी शेयर्स (Share) या बॉन्ड (Bomd) खरीदते हैं उसे ही डीमैट में जमा किया जाता है. डीमैट अकाउंट में शेयर्स जमा रहने की वजह से निवेशक इनकी खरीद-बिक्री तेजी से कर सकते हैं. गौरतलब है कि करीब 30 वर्ष पहले डीमैट की सुविधा नहीं थी, उस समय शेयर पेपर फॉर्म में निवेशकों के घर पर पहुंचाए जाते थे. डीमैट के एक प्रीमियम ट्रेडिंग खाता क्या है आने के बाद शेयर को डीमैट में ट्रांसफर होने में 1 दिन समय लगता है. इस तरह से Demat Account आपके शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड का हिसाब रखता है.

शेयरों की खरीद-बिक्री में डीमैट की भूमिका - Role of Demat in Share Trading
शेयर्स की खरीद-बिक्री में डीमैट अकाउंट की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. किसी शेयर की खरीद होने के बाद शेयर का हिसाब एक डीमैट अकाउंट से हटाकर दूसरे डीमैट अकाउंट में जोड़ दिया जाता है. हालांकि बैंक अकाउंट के मुकाबले डीमैट अकाउंट की कार्यप्रणाली थोड़ी कठिन है. हर किसी को इस प्रक्रिया को समझने में दिक्कत होती है. बता दें कि शेयर्स की हैंडलिंग (Handling) और स्टोरेज (Storage) का हिसाब-किताब डिपॉजिटरी (Depository) करती है.

डिपॉजिटरी (Depository) के पास जमा होते हैं सभी शेयर्स
डिपॉजिटरी (Depository) के पास सभी कंपनियों के शेयर्स जमा होते हैं. डिपॉजिटरी कंपनी के जमा शेयरों को उसके खरीदारों के नाम पर डीमैट में दर्ज कर देती है. सौदा होने की स्थिति में डिपॉजिटरी लेन-देन करने वाले डीमैट अकाउंट के रिकॉर्ड में बदलाव करती है. शेयर बेचने वाले के डीमैट अकाउंट से उतने शेयर हटा दिए जाते हैं. वहीं खरीदने वाले ग्राहकों के डीमैट अकाउंट में उसे जोड़ दिया जाता है. भारत में फिलहाल दो डिपॉजिटरीज CDSL, NSDL काम कर रही हैं. दोनों ही डिपॉजिटरी में भारत सरकार की हिस्सेदारी है.

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 77