विकल्प (Options) ऑप्शन ट्रेडिंग - Options Trading
आपके द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आप क्या पूर्ण करने की आशा रखते हैं, उसकी समझ होना बेहद जरूरी है. केवल तभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे. आइये पहले ऑप्शन की अवधारणा को समझते हैं.
ऑप्शन की अवधारणा को इस उदाहरण से समझा जा सकता है. उदाहरण के लिए, जब आप कुछ संपत्ति खरीदने की योजना बनाते हैं, तो आपने अन्य ऑप्शन का मूल्यांकन करने के दौरान उसे कुछ समय के लिए होल्ड करने के लिए नॉन-रिफंडेबल डिपॉजिट रखा हो सकता है.
यह ऑप्शन के प्रकार का उदाहरण है. उसी प्रकार, शायद आपने सुना हो कि बॉलीवुड किसी उपन्यास पर कोई ऑप्शन खरीद रहा है. किसी उपन्यास को ऑप्शन करने में निर्देशक पैसा रखा निर्दिष्ट दिनांक से पहले उपन्यास पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीदता है. मकान और स्क्रिप्ट वाले दोनों मामलों में, किसी ने निश्चित दिनांक से पहले निश्चित मूल्य पर कोई उत्पाद खरीदने के अधिकार के लिए कुछ हैं. स्टॉक ऑप्शन खरीदना भी कुछ ऐसा ही है. ऑप्शन वे अनुबंध हैं जो निश्चित समय के भीतर धारक को निश्चित मूल्य पर निश्चित स्टॉक की तय मात्रा बेचने या खरीदने का अधिकार देते हैं. कोई पुट ऑप्शन धारक को प्रतिभूति बेचने का अधिकार देता है, कोई कॉल ऑप्शन प्रतिभूति खरीदने का अधिकार देता है. हलांकि इस प्रकार के अनुबंध धारक को अधिकार देते हैं, बल्कि निश्चित दिनांक से पहले निश्चित मूल्य पर स्टॉक व्यापार करने की कोई बाध्यता नहीं देते हैं. कई व्यक्तिगत निवेशक को ऑप्शन उपयोगी साधन लगता हैक्योंकि वे इसे निम्न तरह से उपयोग कर सकते हैं:
ए) लेवरेज के प्रकार के रूप में या
बी) बीमा के प्रकार के रूप में.
ऑप्शन में ट्रेड करना आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने देता है. वे आपको पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण प्रदान करते हैं. बीमा के रूप में उपयोग किए जाने पर ऑप्शन आपको सीमित समय के लिए खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करके किसी निश्चित प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से आपकी सुरक्षा करते हैं. ऑप्शन स्वाभविक रूप से जोखिमभरा निवेश साधन है केवल अनुभवी एवं ज्ञानी निवेशकों के लिए उचित है जो कि बाजार स्थिति को करीब से देखने के लिए तैयार है और अनुमान लगाकर संभावित नुकसान उठाने के लिए वित्तीय रूप से तैयार हैं.
अलग-अलग प्रकार ऑप्शन क्या है? ऑप्शन को लाभ कमाने / हानि घटाने के लिए रणनीतिक उपाय के रूप में कैसे उपयोग किया जा सकता है?
अः ऑप्शन को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ऑप्शन के दो प्रकार हैं, कॉल और पुट. कॉल ऑप्शन धारक को समापन अवधि से पहले किसी भी समय स्ट्राइक मूल्य पर अंतनिर्हित स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है. समान्य तौर पर, अंतनिर्हित साधनों का मूल्य बढ़ने पर कॉल ऑप्शन का मूल्य भी बढ़ता है..
इसके विपरीत पुट ऑप्शन समापन दिनांक को या उसके पहले स्ट्राइक मूल्य पर धारक को अंतर्निहित शेयर बेचने का अधिकार प्रदान करते हैं. अंतर्निहित साधनों का मूल्य कम होने पर पुट ऑप्शन का मूल्य बढ़ता है.
पुट ऑप्शन वह है जिसमें कोई व्यक्ति बाद में होने वाली मूल्य गिरावट के लिए कोई स्टॉक सुनिश्चित कर सकता है. यदि आपके स्टॉक का मूल्य कम होता है, तो आप अपना पुट ऑप्शन लेकर इसे पूर्व में निर्धारित मूल्य स्तर पर बेच सकते हैं.यदि स्टॉक मूल्य ऊपर जाता है, तो आपको बस केवल चुकायी गई प्रीमियम राशि की हानि होती है. ध्यान रखें कि समाचार पत्रों और ऑनलाइन उदाहरणों में आप कॉल को सी के रूप में और पुट को पी के रूप में संक्षिप्त किया
नीचे दिए उदाहरणों में पुट ऑप्शन का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है: केस 1: राजेश ने मई इंफ़ोसिस टेक्नोलॉजिस मई 3000 पुट का 1 लोट खरीदता है और 250 का प्रीमियम देता है,
यह अनुबंध राजेश को वर्तमान दिनांक से मई के अंत तक 3000 रुपए के 100 शेयर खरीदने देता है. इसका लाभ उठाने के लिए, राजेश को बस 25000 रुपए का प्रीमियम देना है ( 250 रुपए एक शेयर के लिए कुल 100 शेयर). पुट के खरीदार ने बेचने का अधिकार खरीद लिया है. पुट के स्वामी के पास बेचने का अधिकार हैं.
केस 2:यदि आप सोचते हैं कि कोई विशेष स्टॉक जैसे रे टक्नोलॉजिस” का फरवरी के महीने में मूल्य अधिक है, और भविष्य में मूल्यों में सुधार हो सकता है. हालांकि आप मूल्य बढ़ने के मामले में कोई खतरा नहीं उठाना चाहते हैं. तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प स्टॉक पर पुट ऑप्शन लेना रहेगा. मान लीजिए स्टॉक के लिए भाव इसके अंतर्गत हैं:
1050 रुपए 10 पर मई पुट 1070 रुपए 30 पर मई पुट
इसलिए आपने स्ट्राइक मूल्य 1070 और पुट मूल्य 30 रुपए पर 1000 रे टेक्नोलॉजिस” पुट खरीदे
कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
Gold Options: गोल्ड ऑप्शंस क्या है, जानिए कैसे हो सकती है बंपर कमाई
What Is Gold Options: गोल्ड को अपने पोर्टफोलियो में रखने की चाहत हर किसी की होती है. बहुत से निवेशक और ट्रेडर कम रिस्क के साथ ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की इच्छा रखते हैं. ऐसे लोगों के लिए ऑप्शंस (How To Buy Gold Options) से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. दरअसल, ऑप्शंस में निवेश के जरिए अपने रिस्क को सीमित किया जा सकता है और अधिक से अधिक मुनाफा भी कमाया जा सकता है.
आज की इस रिपोर्ट में हम गोल्ड ऑप्शंस की बारीकियों को समझने की कोशिश करेंगे और साथ में यह भी समझेंगे कि इसमें निवेश से हमें क्या फायदा मिल सकता है और क्या नुकसान है.
कैसे कर सकते हैं गोल्ड ऑप्शंस में ट्रेडिंग
कमोडिटी ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले जरूरी यह है कि आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए और अगर आपके पास अकाउंट पहले पुट ऑप्शन क्या है? से हैं तो ब्रोकर को बोलकर ऑप्शंस (Gold Futures & Options) की ट्रेडिंग के लिए उसे एक्टिव करा सकते हैं. निवेशक ऑनलाइन और पुट ऑप्शन क्या है? ऑफलाइन के जरिए ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर सकता है. ऑप्शंस वायदा कारोबार के तहत आने वाला एक अनोखा प्रोडक्ट है और इसमें ट्रेडिंग के जरिए जोखिम कम होने के साथ ही असीमित मुनाफा कमाया जा सकता है. मान लीजिए कि आप ऑप्शंस के खरीदार हैं तो बेहद कम प्रीमियम चुकाकर पूरा कॉन्ट्रैक्ट उठा सकते हैं. मतलब यह हुआ कि आपका जोखिम आपके द्वारा जमा किया गया प्रीमियम ही है और मुनाफा अनलिमिटेड. हालांकि इसके विपरीत बिकवाल होने की स्थिति में जोखिम असीमित और मुनाफा सीमित हो जाता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे
आखिर में हम आपको बताते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या फायदे होते हैं. जानकारों का कहना है कि मान लीजिए कि अगर कोई निवेशक गोल्ड ऑप्शंस के कॉन्ट्रै्क्ट में कॉल पुट ऑप्शन क्या है? खरीदता है तो तेजी होने पर निवेशक को फायदा मिलेगा और अगर पुट ऑप्शंस खरीदता है तो गिरावट पर लाभ मिलेगा. वहीं कॉल ऑप्शंस को बेचने वाले कॉल राइटर्स को गिरावट पर फायदा मिलता है और पुट ऑप्शंस को बेचने वाले पुट राइटर्स को तेजी पर फायदा मिलता है. बता दें कि कॉल राइट करने वालों की कमाई सिर्फ प्रीमियम होती है लेकिन उनका नुकसान असीमित होता है. जानकार कहते हैं कि वायदा बाजार के मुकाबले ऑप्शंस में रिस्क कम और रिटर्न ज्यादा मिलता है. इसके अलावा हेजिंग का टूल भी होने की वजह से निवेशकों की भागीदारी काफी ज्यादा होती है.
पुट ऑप्शन क्या है?
कॉल और पुट क्या होता है? | कॉल खरीदने, बेचने का मतलब? | पुट खरीदने, बेचने का मतलब?
Option What is a CALL and a PUT? | buy and Sell CALL PUT? Part 39 Created by Anil Singhvi पुट ऑप्शन क्या है? - Zee Business team Embed and Share Capital ji https://capitalji.com
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फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है | Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
शेयर मार्केट में आप अलग अलग प्रकार से शेयर खरीद और बेच सकते है जैसे इंट्राडे (Intraday ), डिलीवरी (Delivery) अदि। इसी प्रकार से शेयर मार्केट में हम इसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future And Option Trading) ट्रेडिंग भी कर सकते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है
अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते है और इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़े क्योकि इसमें आपको शेयर मार्केट के बारे में और फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future and Option) के बारे में सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई है।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
Derivative Market क्या है ? (What is Derivative Market?)
सिम्पल शब्दो में बोले तो, डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) एक प्रकार का कांटेक्ट (Contract) होता है जिसका वैल्यू कोई भी एक तारीख तक सिमित होता है उसके पुट ऑप्शन क्या है? बाद कॉन्ट्रैक्ट (contact) का वैल्यू जीरो हो जाता है जिसे हम डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) कहते है।
डेरीवेटिव मार्केट, दो संस्थाओ के बिच एक कॉन्ट्रैक्ट को दर्शाता है इसमें दरअसल शेयरों का आदान प्रदान करके पैसा कमाया जाता है। what are Future and Option
Derivative Market के प्रकार (Types of Derivative Markets)
- Forward
- Future
- Option
- Swap
फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ? (What is Futures Trading?)
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
माना एक लड़का है जिसे फ्यूचर में आईपीएल के एक मैच का टिकट खरीदना है लेकिन मैच के दिनांक के समय उस टिकट का प्राइस बढ़ने वाला है तो वह लड़का अभी के प्राइस में उस टिकट को न खरीद कर उसके बदले एक डील या कॉन्ट्रैक्ट करता है कि आने वाले समय में उस टिकट का भाव बढ़े या घटे उसे अभी के प्राइस पर वह टिकट मिल जायगा लेकिन उस टिकट की समय अवधि उस मैच के दिनांक पर निर्धारित करेगा।
इस लेख में हम फ्यूचर्स ट्रेडिंग की सारी जानकारी आपको देंगे कि फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ?, इसमें कितना प्रॉफिट और लॉस हो सकता है ?
फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? (How is future trading done?)
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमे फ्यूचर के हिसाब से शेयर खरीदना और फिर बेचना होता है इसमें समय सिमा निर्धारित होता है जिसमे आपको अपने खरीदे गए शेयर को समय से पहले बेचना होता है इसका समय निर्धारित महीने के अंतिम सप्ताह में होता है। फ्यूचर एंड ऑप्शन के बारे में जाने।
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ? (What is Options Trading?)
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
ऑप्शंस ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने के लिए बहोत सारे विकल्प मिल जायेंगे जिसमे आप अपने बजट के अनुसार शेयर को खरीद और बेच सकते है। इसमें कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते है वो भी कम जोखिम में।
कॉल ऑप्शन क्या है ? (What is Call Option?)
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग पुट ऑप्शन क्या है? का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
इसमें एक समय सिमा निर्धारित होती है जिसके अनुसार मार्केट में उतार चढ़ाओ बना रहता है और इसमें आप अपने अनुसार समय सिमा चुन सकते है।
कॉल ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के ऊपर के खरीद को कॉल ऑप्शन कहते है इसका सही मतलब मार्केट के वृद्धि से होता है अगर मार्केट स्ट्राइक प्राइस से ऊपर चली जाती है जो मार्केट की तेजी को दर्शाता है उस समय हमे कॉल ऑप्शन को खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ? (What are put options?)
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।
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फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ?
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
कॉल ऑप्शन क्या है ?
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ?
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।
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