विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास
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विनिमय दर क्या है? इसका निर्धा .
Solution : विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की एक मुद्रा इकाई का दूसरे देश की मुद्रा में विनिमय किया जाता है। दूसरे शब्दों में, विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं।
क्राउथर के अनुसार-"विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।"
अब प्रश्न यह उठता है विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास कि विनिमय दर का निर्धारण कैसे होता है? विनिमय दर के निर्धारण के विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास लिए अर्थशास्त्रियों ने कई सिद्धांत दिए हैं। जिस प्रकार से वस्तु की कीमत बाजार में माँग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है, उसी प्रकार विनिमय दर भी विदेशी विनिमय बाजार में माँग एवं पूर्ति के द्वारा ही निर्धारित होती है। दूसरे शब्दों में, एक विदेशी विनिमय बाजार में विदेशी विनिमय की संतुलन दर विदेशी विनिमय की मांग और पूर्ति के बीच समानता द्वारा निर्धारित होती है।
इस प्रकार विनिमय दर का निर्धारण मुख्यत: दो तत्वों पर निर्भर करता है (i) विदेशी विनिमय की मांग, (ii) विदेशी विनिमय की पूर्ति।
Forex Reserve: भारत के पास है विश्व का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पहले और दूसरे स्थान पर हैं विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास कौन-कौन से देश
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दुनियाभर में सबसे आगे चीन है। विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास इस मोर्चे पर 1404 अरब डालर से कुछ अधिक रकम के साथ जापान दूसरे तथा 1077 अरब डालर (सितंबर के आंकड़ों के हिसाब से) के साथ स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वर्तमान में भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। सोमवार को लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 19 नवंबर, 2021 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 640.4 अरब डालर था। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षो के दौरान एक्साइज शुल्क (सेस भी शामिल) के तहत 16.7 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं। गैर-ब्रांडेड वाले पेट्रोल पर वर्ष 2013-14 में एक्साइज ड्यूटी 9.2 रुपये प्रति लीटर थी जबकि गैर-ब्रांडेड वाले डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर थी। वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास में दुनियाभर में सबसे आगे चीन है, जिसके पास इस वर्ष अक्टूबर में 3,392 अरब डालर का भंडार बताया जा रहा था। इस मोर्चे पर 1,404 अरब डालर से कुछ अधिक रकम के साथ जापान दूसरे तथा 1,077 अरब डालर (सितंबर के आंकड़ों के हिसाब से) के साथ स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर हैं।
देश में कोयले की कमी नहीं : कोयला मंत्री
इस बीच, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि भारी बारिश, बिजली की बढ़ती मांग के चलते बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार कम हो गया था। इस साल आठ अक्टूबर तक संयंत्रों में कोयले का स्टाक 72 लाख टन (चार दिनों का स्टाक) तक पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद कोयले की आपूर्ति बढ़ी और 29 नवंबर को स्टाक 1.7 करोड़ टन (नौ दिनों के लिए पर्याप्त) पहुंच गया। पिछले साल की तुलना में कोल इंडिया ने इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 5.4 करोड़ टन ज्यादा कोयला भेजा है। कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की बात करें तो अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 594.34 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 511.46 अरब यूनिट था।
55 प्रतिशत से ज्यादा जन धन खाते महिलाओं के नाम
देश में 44 करोड़ जन धन खाते हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत से अधिक (24.42 करोड़) अकाउंट महिलाओं के नाम हैं। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री भागवत किशन कराड ने लोकसभा में दी। सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले जाने संबंधी एक अन्य सवाल विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पहली अप्रैल, 2018 से 31 अक्टूबर, 2021 तक 1,42,73,910 खाते खोले गए। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाते खोले गए।
144 केंद्रीय परियोजनाओं की लागत 14,960 रुपये बढ़ी
इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 144 केंद्रीय परियोजनाएं समय से पूरी होती नहीं दिख रही हैं। खास बात यह है कि समय से पूरा नहीं होने के चलते इनकी लागत 14,960.02 करोड़ रुपये बढ़ गई है। सांख्यिकी मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में बताया कि इन परियोजनाओं विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास की शुरुआती लागत 1,67,493.82 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 1,82,453.84 करोड़ रुपये हो गई है।
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने का इरादा नहीं
वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार का हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का फैसला काउंसिल करती है और यह एक संवैधानिक संस्था है। वर्तमान समय में उसकी तरफ से इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई है।
देशभर में एटीएम की संख्या 2.13 लाख से ज्यादा
इस साल सितंबर तक देशभर में एटीएम की संख्या 2.13 लाख से ज्यादा थी। 47 प्रतिशत से ज्यादा एटीएम ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाकों में थे। वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने यह जानकारी लोकसभा में दी।
19,564 करोड़ रुपये रहा विमानन कंपनियों का घाटा
पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में विमानन कंपनियों और एयरपोर्ट को क्रमश: 19,564 करोड़ और 5,116 करोड़ रुपये अनुमानित नुकसान हुआ है। यह जानकारी नागरिक विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में दी।
सभी फेमा या विदेशी विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के बारे में
विदेशी देशों को बाहरी व्यापार और भुगतान की सुविधा और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, (FEMA) को 1999 में पारित किया। विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास इस अधिनियम ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम को बदल दिया। (फेरा), जो सरकार की प्रो-उदारीकरण नीतियों के बाद अस्थिर हो गया था। नए अधिनियम ने एक नए प्रबंधन शासन को सक्षम किया, जो विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप था। एफईएमA ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया, जो जुलाई 2005 में अस्तित्व में आया। FEMA ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को विदेशी मुद्रा से संबंधित नियमों और नियमों को पारित करने में भी सक्षम बनाया। भारत की विदेश व्यापार नीति के साथ।
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