इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमेसे कम जोख़िम भरा कोनसा हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले कम जोखिम भरा और आसान हैं ट्रेडिंग करने के लिए, क्योंकि इंडेक्स ऑप्शन में Liquidity ज्यादा होती हैं और Volatility कम होती हैं स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले। इस वजह से आप को चार्ट या ऑप्शन चैन देखनेमें ज्यादा दुविधा नहीं होती और आप एंट्री, एग्जिट, टारगेट और स्टॉप लोस्स आसानी से लगा पाते हैं।
जरुरी नहीं हैं की आप हमेशा इंडेक्स ऑप्शन में ही ट्रैड करे कभी-कभी स्टॉक ऑप्शन में भी ट्रेड करना काफी लाभ दायक हैं। चलिए जानते हैं कैसे ? ताकि आप की ट्रेडिंग आसान हो।
Table of Contents
1.इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर।
अब हम पढ़ेंगे की इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर क्या हैं ?, ताकि आप अपने ट्रेडिंग के नुसार किस भाग में ट्रेडिंग करना चाहते हैं यह चुन पाए।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में सबसे बड़ा अंतर यह हैं की, इंडेक्स ऑप्शन में किसी सूचकांक (index) में ट्रेडिंग की जाती हैं और स्टॉक ऑप्शन में किसी शेयर में ट्रेडिंग की जाती हैं।
1.स्टॉक ऑप्शन क्या हैं ?
स्टॉक ऑप्शन याने के आप उन कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग कर रहे हैं, जो की शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्टेड) हैं ऑप्शन के भाग (सेगमेंट) में । इसमें आप उस शेयर के ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं जो की ऑप्शन सेगमेंट में सूचीबद्ध हैं ।
जैसे की शेयर मार्किट में Reliance, HDFC, Bajaj इत्यादि कंपनी के शेयर हैं जो की ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं उन्ह में आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं।
2.इंडेक्स ऑप्शन क्या हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन याने के आप एक सूचकांक (इंडेक्स ) में ट्रेडिंग कर रहे हो, जिसमे एक ही क्षेत्र की कंपनिया शामिल हैं और वह सूचकांक ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं।
जैसे की निफ़्टी 50 जिसमे भारत की ५० बड़ी कम्पनिया शामिल हैं और Bank Nifty जिसमे भारत की बैंक क्षेत्र की कम्पनिया शामिल हैं।
2.इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमें से किस्मे ट्रेडिंग करे ?
इन दोनों में ट्रेडिंग करने से पहले आप को कुछ चिजे हैं वह जाननी जरुरी हैं।
1.Liquidity
Liquidity याने के उस शेयर में कितने ट्रेडर या इन्वेस्टर हैं वह शेयर खरीदने और बेचने के लिए।
किसी शेयर या इंडेक्स में liquidity कम हो तो आप अपने मनचाहे भाव पे खरीद या बिक्री नहीं कर सकते क्योकि उस भाव पे कोई भी व्यक्ति शेयर खरीने या बेचने के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
स्टॉक में मुकाबले इंडेक्स में liquidity ज्यादा होती हैं।
2.Volatility
Volatility याने उस शेयर या इंडेक्स में भाव कितनी तेजी से ऊपर – निचे होता हैं।
अगर स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें volatility ज्यादा हो तो आप को सही समय पर एंट्री, एग्जिट,टारगेट और स्टॉप लोस्स लगाने में काफी परेशानी आती हैं। क्योगी भाव में बड़ी तेजी से ऊपर-निचे जाने के कारण आप ऑप्शन चैन और टेक्निकल चार्ट देखने में परेशानी आती हैं।
स्टॉक के मुकाबले इंडेक्स में Volatility कम होती हैं।
इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करने के ऊपर दिए गए कारणों के अलावा और बोहोत से कारन हैं, लेकिन यह २ कारन महत्वपूर्ण हैं।
3.निष्कर्ष
यह हिंदी लेख उन लोगों के लिए हैं जो शेयर बाजार में नए हैं और पहली बार ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरवात कर रहे हैं।
जरुरी नहीं हैं की आप सिर्फ ऑप्शन ट्रेडिंग इंडेक्स में ही करे स्टॉक में ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ अलग फायदे भी हैं। स्टॉक ऑप्शन ट्रेडिंग तभी ही शुरू करे जब आप को अनुभव हो चूका हो।
आशा हैं आप को इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर, उनके फायदे और उनमे कोनसी ट्रेडिंग चुननी चाहियह जानकारी प्राप्त हुई होगी।
अगर आप को यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करे।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमेसे कम जोख़िम भरा कोनसा हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले कम जोखिम भरा और आसान हैं ट्रेडिंग करने के लिए, क्योंकि इंडेक्स ऑप्शन में Liquidity ज्यादा होती हैं और Volatility कम होती हैं स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले। इस वजह से आप को चार्ट या ऑप्शन चैन देखनेमें ज्यादा दुविधा नहीं होती और आप एंट्री, एग्जिट, टारगेट और स्टॉप लोस्स आसानी से लगा पाते हैं।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में सबसे बड़ा अंतर यह हैं की, इंडेक्स ऑप्शन में किसी सूचकांक (index) में ट्रेडिंग की जाती हैं और स्टॉक ऑप्शन में किसी शेयर में ट्रेडिंग की जाती हैं।
स्टॉक ऑप्शन क्या होते हैं ?
स्टॉक ऑप्शन याने के आप उन कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग कर रहे हैं, जो की शेयर बाजार में सूचीबद्ध (स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें लिस्टेड) हैं ऑप्शन के भाग (सेगमेंट) में । इसमें आप उस शेयर के ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं जो की ऑप्शन सेगमेंट में सूचीबद्ध हैं ।
इंडेक्स ऑप्शन क्या होते हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन याने के आप एक सूचकांक (इंडेक्स ) में ट्रेडिंग कर रहे हो, जिसमे एक ही क्षेत्र की कंपनिया शामिल हैं और वह सूचकांक ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमेसे कम जोख़िम भरा कोनसा स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले कम जोखिम भरा और आसान हैं ट्रेडिंग करने के लिए, क्योंकि इंडेक्स ऑप्शन में Liquidity ज्यादा होती हैं और Volatility कम होती हैं स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले। इस वजह से आप को चार्ट या ऑप्शन चैन देखनेमें ज्यादा दुविधा नहीं होती और आप एंट्री, एग्जिट, टारगेट और स्टॉप लोस्स आसानी से लगा पाते हैं।
जरुरी नहीं हैं की आप हमेशा इंडेक्स ऑप्शन में ही ट्रैड करे कभी-कभी स्टॉक ऑप्शन में भी ट्रेड करना काफी लाभ दायक हैं। चलिए जानते हैं कैसे ? ताकि आप की ट्रेडिंग आसान हो।
Table of Contents
1.इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर।
अब हम पढ़ेंगे की इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर क्या हैं ?, ताकि आप अपने ट्रेडिंग के नुसार किस भाग में ट्रेडिंग करना चाहते हैं यह चुन पाए।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में सबसे बड़ा अंतर यह हैं की, इंडेक्स ऑप्शन में किसी सूचकांक (index) में ट्रेडिंग की जाती हैं और स्टॉक ऑप्शन में किसी शेयर में ट्रेडिंग की जाती हैं।
1.स्टॉक ऑप्शन क्या हैं ?
स्टॉक ऑप्शन याने के आप उन कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग कर रहे हैं, जो की शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्टेड) हैं ऑप्शन के भाग (सेगमेंट) में । इसमें आप उस शेयर के ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं जो की ऑप्शन सेगमेंट में सूचीबद्ध हैं ।
जैसे की शेयर मार्किट में Reliance, HDFC, Bajaj इत्यादि कंपनी के शेयर हैं जो की ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं उन्ह में आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं।
2.इंडेक्स ऑप्शन क्या हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन याने के आप एक सूचकांक (इंडेक्स ) में ट्रेडिंग कर रहे हो, जिसमे एक ही क्षेत्र की कंपनिया शामिल हैं और वह सूचकांक ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं।
जैसे की निफ़्टी 50 जिसमे भारत की ५० बड़ी कम्पनिया शामिल हैं और Bank Nifty जिसमे भारत की बैंक क्षेत्र की कम्पनिया शामिल हैं।
2.स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमें से किस्मे ट्रेडिंग करे ?
इन दोनों में ट्रेडिंग करने से पहले आप को कुछ चिजे हैं वह जाननी जरुरी हैं।
1.Liquidity
Liquidity याने के उस शेयर में कितने ट्रेडर या इन्वेस्टर हैं वह शेयर खरीदने और बेचने के लिए।
किसी शेयर या इंडेक्स में liquidity कम हो तो आप अपने मनचाहे भाव पे खरीद या बिक्री नहीं कर सकते क्योकि उस भाव पे कोई भी व्यक्ति शेयर खरीने या बेचने के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
स्टॉक में मुकाबले इंडेक्स में liquidity ज्यादा होती हैं।
2.Volatility
Volatility याने उस शेयर या इंडेक्स में भाव कितनी तेजी से ऊपर – निचे होता हैं।
अगर volatility ज्यादा हो तो आप को सही समय पर एंट्री, एग्जिट,टारगेट और स्टॉप लोस्स लगाने में काफी परेशानी आती हैं। क्योगी भाव में बड़ी तेजी से ऊपर-निचे जाने के कारण आप ऑप्शन चैन और टेक्निकल चार्ट देखने में परेशानी आती हैं।
स्टॉक के मुकाबले इंडेक्स में Volatility कम होती हैं।
इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करने के ऊपर दिए गए कारणों के अलावा और बोहोत से कारन हैं, लेकिन यह २ कारन महत्वपूर्ण हैं।
3.निष्कर्ष
यह हिंदी लेख उन लोगों के लिए हैं जो शेयर बाजार में नए हैं और पहली बार ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरवात कर रहे हैं।
जरुरी नहीं हैं की आप सिर्फ ऑप्शन ट्रेडिंग इंडेक्स में ही करे स्टॉक में ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ अलग फायदे भी हैं। स्टॉक ऑप्शन ट्रेडिंग तभी ही शुरू करे जब आप को अनुभव हो चूका हो।
आशा हैं आप को इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर, उनके फायदे और उनमे कोनसी ट्रेडिंग चुननी चाहियह जानकारी प्राप्त हुई होगी।
अगर आप को यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करे।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन इनमेसे कम जोख़िम भरा कोनसा हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले कम जोखिम भरा और आसान हैं ट्रेडिंग करने के लिए, क्योंकि इंडेक्स ऑप्शन में Liquidity ज्यादा होती हैं और Volatility कम होती हैं स्टॉक ऑप्शन के मुकाबले। इस वजह से आप को चार्ट या ऑप्शन चैन देखनेमें ज्यादा दुविधा नहीं होती और आप एंट्री, एग्जिट, टारगेट और स्टॉप लोस्स आसानी से लगा पाते हैं।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में अंतर।
इंडेक्स ऑप्शन और स्टॉक ऑप्शन में सबसे बड़ा अंतर यह हैं की, इंडेक्स ऑप्शन में किसी सूचकांक (index) में ट्रेडिंग की जाती हैं और स्टॉक ऑप्शन में किसी शेयर में ट्रेडिंग की जाती हैं।
स्टॉक ऑप्शन क्या होते हैं ?
स्टॉक ऑप्शन याने के आप उन कंपनियों के शेयर में ट्रेडिंग कर रहे हैं, जो की शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्टेड) हैं ऑप्शन के भाग (सेगमेंट) में । इसमें आप उस शेयर के ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं जो की ऑप्शन सेगमेंट में सूचीबद्ध हैं ।
इंडेक्स ऑप्शन क्या होते हैं ?
इंडेक्स ऑप्शन याने के आप एक सूचकांक (इंडेक्स ) में ट्रेडिंग कर रहे हो, जिसमे एक ही क्षेत्र की कंपनिया शामिल हैं और वह सूचकांक ऑप्शन के भाग में सूचीबद्ध हैं।
क्या आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) में नए हैं? कहां से करें शुरुआत और क्या हर कोई कर सकता है ट्रेडिंग? आइए जान लेते हैं
आपको बता दें कि नए क्रिप्टो ट्रेडर्स (Crypto Traders) के लिए Binance और WazirX इस्तेमाल करना बहुत आसान है। इसे download करके बस KYC कंप्लीट कर लीजिए डिटेल्स सबमिट करने के बाद अपनी मनचाही digital currency में money add करके trading स्टार्ट कीजिए।
फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
Highlights क्रिप्टो करेंसी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से ग्रो की है। ऐसे में जिन लोगों ने धैर्य से काम लिया है आज वे करोड़पति बन गए है। आज की तारीख में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करना बहुत ही आसान बन गया है।
Crypto: वर्ष 2010 में 10000 रूपए की मूल्य के Crypto currency आज की तारीख में लगभग 66 करोड़ रूपए के हो गए हैं उस समय जिन्होंने धैर्य के साथ विश्वास करके invest बनाए रखा वो सभी आज करोड़पति बन गए।
अगर आप भी Crypto Trading के बारे में जानना चाहते हैं और ये जानना चाहते हैं कि Crypto Trading से कैसे आप एक side income बना सकते हैं, तो आप सबसे पहले कुछ basics समझ लीजिए या इसके लिए आप क्रिप्टो में Trade कैसे करें Beginner to Intermediate book की मदद ले सकते हैं ये Amazon या flipkart पर उपलब्ध है।
यहां खरीदें:
क्या है क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading)?
क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) सुनकर लगता है कि कितना भारी भरकम नाम है पर ये बेहद आसान है। Crypto currency मतलब इंक्रिप्टेड यानी किसी विशेष कोड या पासवर्ड से सुरक्षित की गई मुद्रा और ट्रेडिंग मतलब बेचने के उद्देश्य से खरीदना। अब इसका सीधा सा मतलब ये है कि आप किसी digital currency को खरीदकर रखेंगे और जब इसका मूल्य बढ़ जायेगा तो आप इसे बेच कर मुनाफा कमाएंगे।
कितने प्रकार है क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency)?
आज market में कई प्रकार की crypto currency उपलब्ध है जैसे कि Bitcoin, Etherium, Tether, Binance Coin, XRP और भी बहुत हैं आप इनमे से किसी को भी डिजिटल platform के द्वारा खरीद कर रख सकते हैं। इसमें Binance, Wazir X, Coin Switch जैसे आसान मोबाइल ऐप आपकी मदद कर सकते हैं।
क्या नए लोग भी कर सकते है क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading)?
नए क्रिप्टो ट्रेडर्स (Crypto Traders) के लिए Binance और WazirX इस्तेमाल करना बहुत आसान है। इसे download करके बस KYC कंप्लीट कर लीजिए डिटेल्स सबमिट करने के बाद अपनी मनचाही digital currency में money add करके trading स्टार्ट कीजिए। जब ग्राफ नीचे जा रहा हो तो खरीदो जब ग्राफ ऊपर जाए तो बेचो बस इतना आसान है और आप इस तरह से बन गए Crypto Trader.
क्या है नए Crypto Traders के लिए एक्सपर्ट टिप्स?
नए क्रिप्टो ट्रेडर्स (Crypto Traders) के लिए जानकारों ने कई टिप्स दिए है। इन टिप्स को फॉलो करके कोई भी बहुत आसानी से क्रिप्टो के बारे में जान सकता है। ऐसे में आइए इन टिप्स को एक-एक करके जान लेते है।
1. अपनी मनचाही डिजिटल currency में Invest करने से पहले उसके ऊपर research कीजिए जैसे कि टारगेट market क्या है? उसके कंप्टीटर्स कौन हैं? वो किस टेक्नोलॉजी पर based है? टीम और पार्टनरशिप के बारे में जानकारी लीजिए साथ ही डिमांड एंड सप्लाई कितनी है और लिक्विडिटी,वॉल्यूम आदि की जांच पड़ताल जरुरी है।
2. कुछ क्रिप्टो करेंसी high risk पर high return देती हैं जबकि कुछ low risk पर low return हो सकती है, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं ये आप पर निर्भर करता है।
3. क्रिप्टो मार्केट को बारीकी से समझने का प्रयास कीजिए। किसी भी अखबार की अपुष्ट खबरों या अफवाह पर ध्यान मत दीजिए। खरीद फरोख्त करने से पहले इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस को भी समझने की कोशिश कीजिए इसके अंतर्गत आप कैंडल स्टिक पैटर्न, मूविंग एवरेज, बॉलिंगर बैंड की सहायता से अपने निवेश को सुरक्षित तरीके से सफल बना सकते हैं।
इसके लिए आप मेरे द्वारा लिखी किताब क्रिप्टो में ट्रेड कैसे करें Beginner to Intermediate की सहायता ले सकते हैं। जिसमें आप colourful charts की मदद से जीरो लेवल से basics समझ सकते हैं और क्रिप्टो ट्रेडिंग में कब entry और कब exit करना है ये आसानी से समझ पायेंगे।
4. आप वाचलिस्ट और रिस्क मैनेज टूल की मदद से अपनी लाभ और हानि के अन्तराल को सुनिश्चित कर जोखिम को सीमित कर सकते हैं।
5.इन्वेस्ट करने के बाद कुछ बातों पर नजर बनाए रखें जैसे कि
कौन सी बड़ी कम्पनी क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर रही है?
कौन सी नई Crypto Market में आई है?
कौन सी कम्पनी,इकोनॉमी या देश क्रिप्टो को accept कर रहे हैं?
क्रिप्टो trading में सही समय और मार्केट पर पैनी नजर के साथ टैक्निकल एनालिसिस बेहद कम समय में बड़ा मुनाफा आपको दिला सकता है बस हमारे साथ सीखते रहें और आगे बढ़ते रहें।
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