अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अर्थ - meaning व्यापारियों के लिए परिभाषा और उदाहरण of international trade
अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अर्थ - meaning of international trade
वस्तुओं तथा सेवाओं के क्रय-विक्रय को व्यापार कहा जाता है। एक देश के व्यापार को दो भागों में बांटा जा सकता है-
(i) आंतरिक व्यापार आंतरिक व्यापार वह व्यापार है जो एक देश के निवासियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के बीच होता है इसे राष्ट्रीय व्यापार, अंतर क्षेत्रीय व्यापार या घरेलू व्यापार कहा जाता है। पंजाब, हरियाणा या हिमाचल प्रदेश के बीच होने वाला व्यापार आंतरिक व्यापार है।
(ii) अंतरराष्ट्रीय व्यापार अंतरराष्ट्रीय व्यापार वह व्यापार है जो दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान द्वारा होता है। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले व्यापार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार या विदेशी व्यापार कहा जाता है जब भारत से अमेरिका को सामान भेजा जाएगा उसे भारत का निर्यात कहा जाएगा।
इसके विपरीत भारत अमेरिका से जो सामान मँगवाएगा उसे भारत का आयात कहा जाएगा जहाँ तक वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन का संबंध है, सभी देश अपने आप में आत्मनिर्भर नही होते। इसका कारण यह है कि प्रकृति ने विभिन्न देशों को विभिन्न संसाधनो से सम्पन्न किया है। ये संसाधन प्राकृतिक संसाधन या मनुष्य निर्मित संसाधन या मानवीय संसाधन हो सकते है सामान्यत एक देश के पास कुछ संसाधन प्रचुर (तथा अधिक) मात्रा में पाए जाते हैं तो कुछ अन्य संसाधनों की दुर्लभता पायी जाती है। उदाहरण के लिए खाड़ी देशों के पास खनिज तेल उनकी आवश्यकता से बहुत अधिक पाए जाते है परन्तु औद्योगिक वस्तुओं व खाद्यान्न की दुर्लभता उन्हें बहुत पीड़ित करती है।
ऐसी स्थितियों में आप सीमा पर व्यापार द्वारा अपनी वस्तुओं के बहुतायत के बदले में उन वस्तुओं को प्राप्त कर सकते हैं जो आपके देश में या तो उपलब्ध नही है या बहुत दुर्लभ है। अतएव अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निहितार्थ अंतरराष्ट्रीय विशिष्टीकरण है।
(i) पेन्गुविन शब्दकोश के अनुसार, एक देश गया दूसरे देश में मध्य होने वाले वस्तुओं तथा सेवाओं के विनिमय को अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।"
(ii) एनातोल मुराद के अनुसार, "अंतरराष्ट्रीय व्यापार राष्ट्रों के बीच होने वाला व्यापार है।"
व्यापारिक (vyaparika) का अंग्रेजी अर्थ
व्यापार (Trade) व्यापारियों के लिए परिभाषा और उदाहरण का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सामानों का स्वामित्व अन्तरण ही व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे 'बाजार' कहते हैं।
व्यापारिक
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"व्यापारिक" के बारे में
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क्रोनी कैपिटलिज्म: अर्थ और उदाहरण
क्रोनी कैपिटलिज्म का अर्थ ऐसी पूंजीवादी अर्थव्यवस्था से है जिसमें एक बिज़नेस की सफलता बाजार की शक्तियों के द्वारा नहीं बल्कि राजनीतिक वर्ग और व्यापारी वर्ग के बीच सांठगांठ पर निर्भर करती है. इसमें सरकार ऐसी नीतियां बनाती है जिससे एक विशेष वर्ग को लाभ होता है और यह ‘लाभ कमाने वाला वर्ग’ भी सरकार को कुछ लाभ ट्रान्सफर करता रहता है.
एक कहावत है कि बिना ‘अर्थ के कोई तंत्र’ नहीं होता है. दुनिया में पूंजीवाद, साम्यवाद, समाजवाद और मिश्रित अर्थव्यवस्था जैसी कई आर्थिक प्रणालियां हैं. इन सभी प्रणालियों में उत्पादन के चार कारक हैं; भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमी काम करते हैं.
उत्पादन का चौथा कारक अर्थात उद्यमी, दुनिया में कई औद्योगिक क्रांतियों के लिए जिम्मेदार है. किसी उद्यमी की सफलता काफी हद तक संबंधित देश की सरकार के राजनीतिक समर्थन पर निर्भर करती है.
जैसे जैसे हम अधिक आर्थिक और तकनीकी विकास कर रहे हैं, आय असमानता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण है राजनेताओं और उद्यमियों के बीच एक मजबूत सांठगांठ. इस सांठगांठ को ही क्रोनी कैपिटलिज्म कहा जाता है.
क्रोनी कैपिटलिज्म का अर्थ क्या है (Meaning of Crony Capitalism):-
ऑक्सफर्ड डिक्शनरी के अनुसार, क्रोनी का शाब्दिक अर्थ होता है 'अ क्लोज फ्रेंड ऑर कंपैनियन (करीबी दोस्त या सखा)'.यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द 'ख्रोनियोज' से बना है जिसका अर्थ होता है 'लंबे समय तक टिकने वाला'.
क्रोनी कैपिटलिज्म का अर्थ ऐसी अर्थव्यवस्था से है जिसमें एक बिज़नेस की सफलता बाजार की शक्तियों के द्वारा नहीं बल्कि राजनीतिक वर्ग और व्यापारी वर्ग के बीच सांठगांठ पर निर्भर करती है. इसमें सरकार ऐसी नीतियां बनाती है जिससे एक विशेष वर्ग को लाभ होता है और यह लाभ कमाने वाला वर्ग भी सरकार को कुछ लाभ ट्रान्सफर करता रहता है.
एक व्यवसाय की सफलता; सरकार द्वारा सरकारी अनुदान देना, लचर कर संरचना, अपने पसंद के लोगों को टेंडर देना, व्यापारी वर्ग के हितों के लिए नीतियां बनाना, प्रतियोगिता को रोकना, नयी फार्मों के प्रवेश को रोकना, और अन्य तरह से व्यापारिक सहयोग शामिल है.
क्रोनी कैपिटलिज्म इंडेक्स (Crony Capitalism Index):-
यह सूचकांक इस बात की गणना करता है कि उद्योगों में कितनी आर्थिक गतिविधियां होती हैं जो कि क्रोनिज़्म से ग्रस्त हैं? क्रोनी कैपिटलिज्म इंडेक्स 2014 में जर्मनी सबसे साफ-सुथरा देश था, जहां देश का सिर्फ एक व्यापारी / अरबपति क्रोनियन क्षेत्रों से अपनी संपत्ति लाता था. दूसरी ओर, रूस सबसे खराब रैंक पर था, जहां देश का 18% धन देश के क्रोनी क्षेत्रों से आता था.
भारत को क्रोनी-कैपिटलिज्म इंडेक्स में 9वें स्थान पर रखा गया था, यहाँ देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4% हिस्सा क्रोनिज़्म क्षेत्र से आता था.
क्रोनी कैपिटलिज्म इंडेक्स 2016 में, रूस सबसे खराब दशा में था जिसके बाद मलेशिया को दूसरी रैंक, फिलीपींस को तीसरी रैंक पर और सिंगापुर को चौथी रैंक पर रखा गया था.
क्रोनी-कैपिटलिज्म के उदाहरण (Example of Crony Capitalism):-
इस उदाहरण में हम अपनी बाध्यताओं के कारण उन उद्योगपतियों के नाम नहीं बता रहे हैं जो कि भारत में क्रोनी-कैपिटलिज्म के कारण हाल ही में भारत के सबसे धनाढ्य लोगों में शामिल हुए हैं.
(अडानी ने क्या क्या खरीदा है )
भारत में कई कंपनियां हैं जो पिछले 6 सालों से भारी मुनाफा कमा रही हैं. ये कंपनियां राजनीतिक दलों को चुनावी चंदे के नाम पर मोटी रकम दान कर रही हैं और बदले में राजनीतिक दल इन कंपनियों के मालिकों के लिए कई अनुकूल नीतियों और निविदाओं, कर छूट, सब्सिडी, और नए लाइसेंस पर रोक लगाकर इनका सपोर्ट कर रहे हैं.
यदि आप भारत के अरबपतियों की सूची देखें, तो उनमें से कुछ ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी कुल संपत्ति में कई गुना वृद्धि की है और टॉप 10 अमीरों की सूची में जगह बना ली है. यह सब क्रोनी-कैपिटलिज्म का ही परिणाम है.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट 2019, "पब्लिक गुड या प्राइवेट वेल्थ" शीर्षक से पता चला कि भारत के शीर्ष 10% अमीर कुल 77.4% राष्ट्रीय सम्पति के मालिक हैं. दूसरी तरफ भारत की निचले पायदान की 60% आबादी, राष्ट्रीय संपत्ति का केवल 4.8% रखती है.
इस क्रोनी-कैपिटलिज्म का ही परिणाम है कि भारत और दुनिया में अमीर व्यक्ति और अमीर और गरीब व्यक्ति और गरीब होता जा रहा है.
इसलिए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्रोनी कैपिटलिज़्म से देश और दुनिया की कुल संपत्ति केवल कुछ लोगों के हाथों में केन्द्रित होती जा रही है और 7.5 करोड़ आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी भूखे पेट सोने को मजबूर है.
साझेदारी की परिभाषा, सूत्र, ट्रिक्स और उदाहरण
वह साझा जिसमें साझेदार भिन्न-भिन्न समय के लिए भिन्न-भिन्न पूँजी लगाते हैं और उसमें प्राप्त लाभ या हानि सिर्फ लगाए धन पर ही निर्भर नहीं करता। अर्थात जिसने समय तक धन लगा रहता हैं उस पर भी निर्भर करता हैं मिश्र साझा कहलाता हैं।
साझेदार के प्रकार
साझेदार दो प्रकार के होते हैं।
(a). सक्रिय साझेदार
वह साझेदार जो व्यापार में धन लगाने के अतिरिक्त उसकी देखभाल भी करते हैं। तथा इस देखभाल के लिए वह कुछ निश्चित मासिक भत्ता या लाभ का कुछ हिस्सा लेते हैं सक्रिय साझेदार कहलाते हैं।
उस दिए जाने वाले धन को अन्य साझेदारों में बांटने से पहले लाभांश में से घटा लिया जाता हैं।
(b). निष्क्रिय साझेदार
वह साझेदार जो पूँजी लगाने के अतिरिक्त व्यापार की देखभाल नहीं करता निष्क्रिय साझेदार कहलाता हैं।
साझेदारी के प्रश्नों को हल करने के लिए ट्रिक्स
1. यदि दो व्यक्ति A और B, x₁ और x₂ घन क्रमशः t₁ एवं t₂ समय के लिए लगाते हैं तो एक निश्चित अवधि के पश्चात लाभांश का बंटवारा इस प्रकार होगा।
A लाभांश / B का लाभांश = (x₁ × t₁) / x₂ × t₂
2. यदि A, B और C क्रमशः x₁, x₂, x₃ पूँजी के साथ क्रमशः t₁, t₂ और t₃ समय के लिए पूँजी लगाते हैं तो उनके लाभांश का अनुपात होगा?
A : B : C = x₁ t₁ : x₂ t₂ : x₃ t₃
3. यदि A, B, C ……………… किसी चारागाह को किराया पर लेकर क्रमशः x₁, x₂, x₃ ………….
t₁, t₂, t₃ …………समय के लिए चराते हैं तो उनके द्वारा दिये किराया का अनुपात t₁ x₁ : t₂ x₂ : t₃ x₃ ………होगा।
A : B : C ………………… = x₁ t₁ : x₂ t₂ : x₃ t₃ …………….
साझेदारी के सवाल
Q.1 A, 10000 रु. के साथ एक व्यापार शुरू करता हैं। B चार महीने बाद 8000 रु. लगाकर व्यापार में शामिल हो जाता हैं। वर्ष के अंत में 4600 रु. का लाभ होता हैं तो B का हिस्सा क्या होगा?
A. 1100 रु.व्यापारियों के लिए परिभाषा और उदाहरण
B. 1400 रु
C. 1600 रु.
D. 2000 रु.
हल:- A लाभांश/B का लाभांश = (x₁ × t₁)/x₂ × t₂
A का लाभांश/B का लाभांश = (10,000 × 12)/(8000 × 8)
= 60/32
= 15/8
A : B = 15 : 8
प्रश्नानुसार,
15 + 8 = 4600
8 = 4600/23 × 8
= 1600 रु.
Ans. 1600 रु.
Q.2 किसी व्यापार में A, 5000 रु. 8 माह के लिए B, 10000 रु, 10 माह के लिए तथा C, 4000 रु. 15 माह के लिए लगाता हैं। यदि उन्हें कुल मुनाफा 4000 रु. होता हैं। तो तीनों का अलग-अलग हिस्सा क्या हैं?
A. 800 : 2000 : 1200
B.
C.
D.
हल:- A : B : C
8 × 5000 : 10 × 10000 : 15 × 4000
= 40,000 : 1,0000 0 : 60,000
= 2 : 5 : 3
A का हिस्सा = 2/(2 + 5 + 3) + 4000
= 800 रु.
B का हिस्सा = 5/10 × 4000
= 2000 रु.
C का हिस्सा = 3/10 × 4000 = 1200 रु.
Ans. 800 : 2000 : 1200
Q.3 मोहन तथा सोहन किसी चारागाह को 1200 रु. किराया पर लेटे हैं। मोहन 500 गाये 9 महीने तक तथा सोहन 900 गाये 7 महीने तक चराता हैं। राम द्वारा चुकाया गया किराया हैं।
A. 500 रु.
B. 1000 रु.
C. 1500 रु.
D. 2000 रु.
हल:- मोहन : सोहन
500 × 9 : 900 × 7
4500 : 6300
45 : 63
5 : 7
मोहन द्वारा चुकाया गया किराया
= 5/(5 + 7) × 1200
= 500 रु.
Ans. 500 रु.
Q.4 अनिल ने 75,000 रु. लगाकर एक व्यापार प्रारंभ किया। चार महीने बाद अमित भी उसमें 112500 रु. लगाकर शामिल हो गया। यदि वर्ष के अंत में 22500 रुपया का लाभ हुआ तो अनिल का लाभ में से कितने रुपये मिलेंगे?
A. 7500 रु.
B. 11250 रु.
C. 13500 रु.
D. 15000 रु.
हल:- व्यापारियों के लिए परिभाषा और उदाहरण अनिल : अमित
75000 × 12 : 112500 × 8
750 × 12 : 1125 × 8
9000 : 9000
1 : 1
अमित का हिस्सा = 1/2 × 22500
= 11250 रु.
Ans. 11250 रु.
Q.5 40,000 रु. लगाकर सोहक ने एक व्यापार शुरू किया। 4 माह के बाद 60,000 रु. पूँजी के साथ अनमोल व्यापार में शामिल हो जाता हैं। यदि वर्ष के अंत में कुल अर्जित लाभ 16000 रु. हो तो उसमें अनमोल का हिस्सा क्या होगा?
A. 8000 रु.
B. 10000 रु.
C. 12000 रु.
D. 15000 रु.
हल:- सोहक : अनमोल
12 × 4 : 8 × 6
47 : 48
1 : 1
अनमोल का हिस्सा = 1/2 × 16000
= 8000 रु.
Ans. 8000 रु.
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