डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड्स : ये लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए आदर्श निवेश विकल्प हो सकते हैं। इसमें क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया जाता है। जोखिम कम होता है। लंबी अवधि के निवेश पर सालाना 12% तक रिटर्न पा सकते हैं।

म्युचुअल फंड के चुनाव से पहले तय करें निवेश रणनीति

उचित और सही म्युचुअल फंड योजना चुनने की पहली सीढ़ी के तहत पहले अपने निवेश की अवधि को तय करें।

07 अगस्त 2010

moneycontrol.com

भारत में म्युचुअल फंड उद्योग अब भी शरूआती दौर से गुजर रहा है, और हर दिन कोई न कोई नई योजना बाजा़र में आ जाती है।

फंडों और योजनाओं की हैरान करनेवाली सूची का हवाला दें तो उचित म्युचुअल फंड योजनाओं का चुनाव करना हैरानी का सबब बन सकता है। लेकिन आपने यदि अपनी निवेश रणनीति तय की है और यह आपके निजी उद्देश्यों की पूर्ति के अनुसार है तो चीजें आसानी से हासिल हो जाती हैं।

उचित और सही म्युचुअल फंड योजना चुनने की पहली सीढ़ी के तहत पहले अपने निवेश की अवधि को तय करें, जैसे - आपके द्वारा किये गए निवेश को कितने वर्षों तक जारी रख सकते हैं। यदि आपके निवेश करने की अवधि 2 महीने या इससे कम है, तो कैश मैनेजमेंट स्कीम सबसे अच्छा विकल्प है (म्युचुअल फंडों की लिक्विड और लिक्विड प्लस योजनाएं)।

हालांकि, इस अवधि से थोड़ा ज्यादा समय यानी 2 से 12 महीने के लिए अन्य डेट स्कीम्स आपके लिये सबसे उपयुक्त होगी। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं यानी 2 साल के अधिक तो डेट और इक्विटी का मिश्रण बेहतर होगा। 5 साल से ज्यादा अवधि के लिए इक्विटी फंड सबसे उपयुक्त है।

आगे आपकी जोखिम के प्रति रवैये की समझदारी पर म्युचुअल फंड में निवेश निर्भर करता है। कितना जोखिम उठाने की योजना और क्षमता है? एक जमाने के महान निवेशक पीटर लिंच का कहना है, " निवेश करने का प्रमुख अंग पेट है, न कि दिमाग।" आपके जोखिम की सहनशीलता आपके व्यक्तित्व, आयु, नौकरी की सुरक्षितता, स्वास्थ्य और आपातकालीन निधी की योजना से भी सुनिश्चित होती है।

उदाहरण के लिए, शायद युवा निवेशक ज्यादा आक्रमता के साथ निवेश कर सकते हैं और घाटे होने की लिहाज से ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं क्योंकि इसकी भरपाई के लिए उनके पास पर्याप्त समय मौजूद होता है। नियम तो यही कहता है कि यदि आप जोखिम उठाने के पक्ष में नहीं हैं तो आपका निवेश ज्यादातर अनुदार संपत्तियों जैसे - डेट और सोने की ओर करना चाहिए, जबकि यदि आप आक्रमकता के साथ निवेश करने के पक्ष में हैं तो इक्विटी आपका सही दांव है।

एक बार आप इस बात को तय कर लेते हैं कि पैसे इक्विटी, डेट और सोने में से कहां लगाने हैं क्या प्लस 500 लंबी अवधि के निवेश के लिए है तो यह अत्यावश्यक है कि इन्हीं विकल्पों में से सही चुनाव करें।

इक्विटी फंड

ज्यादातर इक्विटी फंड इन तीन श्रेणियों में वर्गीकृत होते हैं - इंडेक्स फंड, सक्रिय रुप से प्रबंधित फंड और परिष्कृत इंडेक्स फंड। प्रत्येक रणनीति के साथ इनमें कई प्रकार के विकल्प मौजूद हैं।

इंडेक्स फंड प्रबंधकों का उद्देश्य बेंचमार्क सूचकांक यानी बीएसई सेंसेक्स के प्रदर्शन को दोहराना होता है। इसके अंतर्गत इन्हीं सूचकांकों का चुनाव करते हुए पोर्टफोलिया बनाया जाता है जिसमें बेंचमार्क के प्रदर्शन का मिश्रण होता है। उनका मानना है कि बाज़ार को मात देना संभव नहीं है और ऐसे में फंड प्रबंधक चाहता है कि कम लागत पर बेंचमार्क के अनुरुप रिटर्न दिया जा सके।

वहीं दूसरी ओर सक्रिय फंड की कोशिश रहती है कि बाज़ार की ही तरह जोरदार प्रदर्शन किया जाय और इसकी प्राप्ति के लिए वे अच्छे शेयरों, बाज़ार की गति और संपत्ति आवंटन निर्णय के मिश्रण का चुनाव करते हैं। परिष्कृत सूचकांक फंड, सामान्य रुप से इसके नाम का उपयोग इस रुप में नहीं होता है बल्कि यह उपर्युक्त दो फंडों के बीच के प्रदर्शन को दर्शाता है। इनका उद्देश्य सूचकांक को ट्रैक करना होता है, लेकिन साथ ही बाज़ार की गति, उचित शेयरों का चुनाव, और/या लाभ का फायदा उठाकर सूचकांक से अलग यानी बाज़ार से ज्यादा रिटर्न देने की कोशिश इस फंड की रहती है।

डेट फंड

डेट फंडों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है - इनकम योजनाएं, लिक्विड/मनी मार्केट योजनाएं और गिल्ट योजनाएं।

इनकम योजनाएं प्रमुख रुप से लंबी और मध्यम अवधि के सरकारी तथा कार्पोरेट डेट निवेश उपकरणों जैसे- डिबेंचर, कार्पोरेट बांड या फिक्सड डिपॉजिट में निवेश करते हैं। गौरतलब है कि फंड के साथ बने रहने पर कीमतों में तेजी आती है क्योंकि इन फंडों का प्रमुख उद्देश्य निवेशकों को स्थिर नगदी प्रदान करना होता है। रुढ़िवादी और रिटायर निवेशकों के लिए यह सबसे उपयुक्त निवेश विकल्प है।

वहीं दूसरी ओर लिक्विड या मनी मार्केट योजनाएं छोटी अवधि वाले डेट निवेश उपकरणों यानी ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर, कॉल मनी और रेपो में निवेश करते हैं। निवेश करने के लिहाज से यह सुरक्षित स्थान है। आपको बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं मिल पायेगा लेकिन आपको अपने मूलधन से कम पैसे नहीं मिलेंगे। इनमें अधिकांशतः फिक्सड डिपॉजिट से ज्यादा रिटर्न मिलता है और साथ ही ये ज्यादा कर-उपयुक्त और छोटी अवधि के लिए बढ़िया निवेश का विकल्प है।

गिल्ट योजनाएं केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी होनेवाले स्वायत्त पेपरों में निवेश करते हैं। इन फंडों में परिपक्वता अवधि मध्यम- और लंबी अवधि की होती है। ये अलग योजना है, जो मासिक आय योजनाओं (एमआईपी) की तरह होते हैं जिनमें प्रत्येक महीने एक तय रकम जोकि लगभग 20 फीसदी होता है उसका निवेश इक्विटी और बाकी का डेट में किया जाता है।

सही चुनाव करने की तरकीब

आपके निवेश पोर्टफोलियो में निवेश रणनीति को चुनना और सही म्युचुअल फंडों का चुनाव बड़े पैमाने पर सही निर्णयों के साथ कुछ सही या गलत जवाबों के आधार पर निर्भर होता है। आपके निजी उद्दश्यों के साथ रणनीतियों की पहचान करने से आपकी वित्तीय योजना को सही तरीके से पटरी लाया जा सकता है। अपनी लंबी अवधि के लक्ष्यों के साथ बने रहें और इसी अनुरुप अपनी रणनीतियों का चुनाव करना ही निवेश की प्रमुख कुंजी है।

Mutual Funds: 5 साल में पैसा ट्रिपल करने वाली 5 स्कीम, सालाना 28% तक मिल रहा है रिटर्न

बाजार में उठापठक के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड में भले ही शॉर्ट टर्म या 1 साल तक का रिटर्न बिगड़ा है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों ने इसके जरिए अच्छा पैसा बनाया है.

Mutual Funds: 5 साल में पैसा ट्रिपल करने वाली 5 स्कीम, सालाना 28% तक मिल रहा है रिटर्न

इक्विटी म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार में निवेश का एक सुरक्षित तरीका है. (File)

Best Equity Mutual Fund Scheme: बाजार में उठापठक के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड में भले ही शॉर्ट टर्म या 1 साल तक का रिटर्न बिगड़ा है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों ने इसके जरिए अच्छा पैसा बनाया है. बीते 5 साल की बात करें तो कई म्यूचुअल फंड स्कीम ने निवेशकों का पैसा 3 गुना या इससे भी अधिक बढ़ा दिया है. असल में इक्विटी म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार में निवेश का एक सुरक्षित तरीका है. अगर निवेशक इक्विटी में निवेश करना चाहें, लेकिन उनकी रिस्क लेने की क्षमता ज्यादा नहीं है तो यह एक बेहतर विकल्प है. एडवाइजर म्यूचुअल फंड में रिस्क प्रोफाइल समझकर एक लक्ष्य तयकर लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह देते हैं. लंबी अवधि में निवेश के चलते इनमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. निवेशक एकमुश्त या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं.

Tata Digital India Fund

5 साल में रिटर्न: 28% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 3.45 लाख रुपये
5 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 11.56 लाख रुपये
कम से कम एकमुश्त निवेश: 5000 रुपये
कम से कम SIP: 150 रुपये
कुल एसेट्स: 5512 करोड़ (31 मई, 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.35% (30 अप्रैल, 2022)

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ICICI Pru Technology Fund

5 साल में रिटर्न: 27.5% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 3.36 लाख रुपये
5 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 11.97 लाख रुपये
कम से कम एकमुश्त निवेश: 5000 रुपये
कम से कम SIP: 100 रुपये
कुल एसेट्स: 8772 करोड़ (31 मई, 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.71% (30 अप्रैल, 2022)

ABSL Digital India Fund

5 साल में रिटर्न: 26% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 3.21 लाख रुपये
5 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 11.27 लाख रुपये
कम से कम एकमुश्त निवेश: 1000 रुपये
कम से कम SIP: 100 रुपये
कुल एसेट्स: 3028 करोड़ (31 मई, 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.70% (30 अप्रैल, 2022)

SBI Tech Opportunities Fund

5 साल में रिटर्न: 24.70% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 3 लाख रुपये
5 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 11 लाख रुपये
कम से कम एकमुश्त निवेश: 1000 रुपये
कम से कम SIP: 500 रुपये
कुल एसेट्स: 2416 करोड़ (31 मई, 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.90% (30 अप्रैल, 2022)

Quant Infrastructure Fund

5 साल में रिटर्न: 21.30% CAGR
5 साल में 1 लाख की वैल्यू: 2.65 लाख रुपये
5 साल में 10 हजार मंथली SIP की वैल्यू: 12.15 लाख रुपये
कम से कम एकमुश्त निवेश: 5000 रुपये
कम से कम SIP: 1000 रुपये
कुल एसेट्स: 573 करोड़ (31 मई, 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.64% (31 मई, 2022)

SIP Return: 5 साल में 3 लाख के हुए 11 लाख, एसआईपी करने से पहले जानें सबकुछ

SIP Investment: म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और बेहतर तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP).

SIP Return: 5 साल में 3 लाख के हुए 11 लाख, एसआईपी करने से पहले जानें सबकुछ

SIP Investment: म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और बेहतर तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP).

How to Start SIP: शेयर बाजार में तेजी के साथ ही म्यूचुअल फंडों का रिटर्न भी बेहतर होने लगा है. लॉकडाउन के बाद इक्विटी फंडों में जोरदार तेजी देखने को मिली है, जिससे एक्सपर्ट एक बार फिर म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर पॉजिटिव हुए हैं. म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और बेहतर तरीका है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP). एसआईपी में अपना पैसा एक मुश्त जमा करने की जगह हर महीने में तय किस्त के आधार पर जमा कर सकते हैं. छोटे रिटेल निवेशकों को यह एक बड़ी सुविधा है. क्योंकि इसमें समय समय पर अपने निवेश का आकलन कर एसआईपी की राशि बढ़ाई जा सकती है. एसआईपी में लंबी अवधि में हाई रिटर्न की संभावना भी ज्यादा होती है. बाजार में ऐसी बहुत सी एसआईपी स्कीम है जिनमें निवेशक 100 से 500 रुपये में भी अपना निवेश शुरु कर सकते हैं.

कैसा रहा है 5 साल का प्रदर्शन

बाजार में ऐसी कई म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जिनमें पिछले 5 साल में 15 से 25 फीसदी तक सालाना के हिसाब से रिटर्न मिला है.

PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्चुनिटी फंड

Post Office TD: ये सरकारी स्‍कीम 10 लाख पर देगी 3.8 लाख ब्‍याज, 1 साल से 5 साल तक निवेश के हैं विकल्‍प

Ujjivan Bank FD Interest Rate: उज्जीवन बैंक ने बढ़ाई एफडी दरें, 560 दिनों की FD पर मिलेगा 8.75% ब्याज

Best SIP for 5 Years Investment 2022: इस साल चुनें ये बेहतरीन एसआईपी, पांच साल में कमा सकते हैं बैंक एफडी से भी अधिक रिटर्न

5 साल का रिटर्न: 25%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 11 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 713 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.64% (31 जनवरी, 2021)

कोटक स्मालकैप फंड

5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.54 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 2539 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.60% (31 जनवरी, 2021)

मिरे एसेट्स इमर्जिंग ब्लूचिप

5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.47 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 14146 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.75% (31 जनवरी, 2021)

SBI स्मालकैप फंड

5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.47 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 6594 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.90% (31 जनवरी, 2021)

Axis मिडकैप फंड

5 साल का रिटर्न: 23%
5 क्या प्लस 500 लंबी अवधि के निवेश के लिए है साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.44 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 8608 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.52% (31 जनवरी, 2021)

(source: value research)

SIP के फायदे

  • एसआईपी इक्विटी या डेट फंड में निवेश शुरु करने वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो बाजार की जोखिम को कम करना चाहते हैं.
  • इसके जरिए कैपिटल मार्केट में छोटी राशि के साथ और आसान किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं.
  • एसआईपी में निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है.
  • हर महीने किस्त जमा करने का फायदा है कि जब बाजार में रिटर्न बढ़ रहा हो तो टॉप अप एसआईपी के जरिए किस्त बढ़ा सकते हैं.
  • बाजार में गिरावट आने और डर बढ़ने पर एसआईपी पॉज करने की भी सुविधा है, फिर बाजार सही होने पर इसे जारी रख सकते हैं.
  • इसके तहत फंड हाउस को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देकर बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट की सुविधा भी ले सकते हैं, जिससे हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप किश्त की राशि कट जाएगी.

SIP के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स

एसआईपी शुरू करने के लिए KYC की प्रक्रिया जरूरी होती है. इसके लिए पैनकॉर्ड, एड्रेसप्रूफ, पासपोर्ट आकार के फोटोग्रॉफ और चेकबुक आपके पास होने चाहिए. SIP पेमेंट के डेबिट के लिए आपको बैंक अकाउंट डिटेल भी देने होंगे. ऑनलाइन ट्रांसजैक्शन के लिए आपको एक यूजर नेम और पॉसवर्ड बनाना होगा. ऑनलाइन एसआईपी शुरु करने के लिए आप किसी फंड हाउस के वेबसाइड पर जाकर एसपीआई चुन सकते हैं.

(नोट: हमने यहां फंड की जानकारी उनके प्रदर्शन के आधार पर दी है. बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर एडवाइजर की सलाह लें.)

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Mutual Fund: बच्चों की पढ़ाई पर भारी खर्च से देगा राहत, इन तीन फंड्स में कर सकते हैं निवेश

आज बाल दिवस है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर इस बाल दिवस पर आप बच्चों को बेहतर शिक्षा का तोहफा दे सकते हैं। लंबी अवधि के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में अधिक रिटर्न के लिए समझदारी से निवेश करना होगा।

बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश (सांकेतिक तस्वीर)।

बच्चों को पढ़ाना काफी महंगा हो गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाना बड़ी चुनौती है क्योंकि इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होती है। उनके इस सपने के पूरा करने के लिए ज्यादातर माता-पिता शिक्षा ऋण लेते हैं। वहीं, कई माता-पिता कर्ज लेने से बचते हुए म्यूचुअल फंड का रास्ता अख्तियार करते हैं।

14 नवंबर यानी आज बाल दिवस है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर इस बाल दिवस पर आप बच्चों को बेहतर शिक्षा का तोहफा दे सकते हैं। लंबी अवधि के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में अधिक रिटर्न के लिए समझदारी से निवेश करना होगा।

लक्ष्य अवधि के अनुसार करें चुनाव
बच्चों की शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई विकल्प हैं। लेकिन, जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चुनाव करना चाहिए।

तीन फंड्स, जिनमें कर सकते हैं निवेश

  • डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड्स : ये लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए आदर्श निवेश विकल्प हो सकते हैं। इसमें क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया जाता है। जोखिम कम होता है। लंबी अवधि के निवेश पर सालाना 12% तक रिटर्न पा सकते हैं।
  • फ्लेक्सीकैप इक्विटी फंड्स : इसके जरिये अपने क्षेत्र की सबसे अच्छी लार्ज, मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश होता है। बाजार पूंजी के लिहाज से इन फंड्स के तहत पैसा लगाया जाता है। लंबी अवधि में सालाना 9% और अधिक रिटर्न मिल सकता है।
  • बैलेंस्ड क्या प्लस 500 लंबी अवधि के निवेश के लिए है एडवांटेज फंड्स : ये हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं। अगर कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो हाइब्रिड फंड्स में निवेश बेहतर विकल्प है। इसमें निवेश पर 8-12 फीसदी रिटर्न पा सकते हैं।
  • प्रदर्शन रिकॉर्ड : फंड्स चुनते समय कम-से-कम उसका पांच साल का प्रदर्शन देखें। दीर्घकालिक ट्रैक रिकार्ड और भी अच्छा रहता है। इससे संभावित रिटर्न का पता लगाने और बाजार के पिछले चक्रों के दौरान इसमें फेरबदल में मदद मिलती है।
  • खर्च अनुपात : यह म्यूचुअल फंड के प्रबंधन पर आने वाला खर्च है। फंड इसे निवेशकों से वसूलते हैं। किसी फंड का खर्च अनुपात इसके शुद्ध रिटर्न को प्रभावित करता है।
  • फंड मैनेजर के निवेश के तरीके : आपके फंड के प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। ये उसके प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाते हैं। कोई भी योजना चुनने से पहले अपने फंड मैनेजर के निवेश करने के तरीके को जानें। इसके लिए फंड हाउस की फैक्टशीट भी देख सकते हैं।


एसआईपी के जरिये भी पा सकते हैं लक्ष्य
बच्चों को बेहतर शिक्षा देना हर माता-पिता की कोशिश होती है। इसके लिए वे सिस्टमैटिक निवेश योजना (एसआईपी) के जरिये भी निरंतर निवेश कर सकते हैं। हर साल आय बढ़ने के साथ निवेश बढ़ाने पर भी विचार करें। इससे समय पर लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार

विस्तार

बच्चों को पढ़ाना काफी महंगा हो गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाना बड़ी चुनौती है क्योंकि इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होती है। उनके इस सपने के पूरा करने के लिए ज्यादातर माता-पिता शिक्षा ऋण लेते हैं। वहीं, कई माता-पिता कर्ज लेने से बचते हुए म्यूचुअल फंड का रास्ता अख्तियार करते हैं।

14 नवंबर यानी आज बाल दिवस है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर इस बाल दिवस पर आप बच्चों को बेहतर शिक्षा का तोहफा दे सकते हैं। लंबी अवधि के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में अधिक रिटर्न के लिए समझदारी से निवेश करना होगा।

लक्ष्य अवधि के अनुसार करें चुनाव
बच्चों की शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई विकल्प हैं। लेकिन, जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चुनाव करना चाहिए।

तीन फंड्स, जिनमें कर सकते हैं निवेश

    डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड्स : ये लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए आदर्श निवेश विकल्प हो सकते हैं। इसमें क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया जाता है। जोखिम कम होता है। लंबी अवधि के निवेश पर सालाना 12% तक रिटर्न पा सकते हैं।


चयन में इन बातों का रखें ध्यान

  • प्रदर्शन रिकॉर्ड : फंड्स चुनते समय कम-से-कम उसका पांच साल का प्रदर्शन देखें। दीर्घकालिक ट्रैक रिकार्ड और भी अच्छा रहता है। इससे संभावित रिटर्न का पता लगाने और बाजार के पिछले चक्रों के दौरान इसमें फेरबदल में मदद मिलती है।
  • खर्च अनुपात : यह म्यूचुअल फंड के प्रबंधन पर आने वाला खर्च है। फंड इसे निवेशकों से वसूलते हैं। किसी फंड का खर्च अनुपात इसके शुद्ध रिटर्न को प्रभावित करता है।
  • फंड मैनेजर के निवेश के तरीके : आपके फंड के प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। ये उसके प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाते हैं। कोई भी योजना चुनने से पहले अपने फंड मैनेजर के निवेश करने के तरीके को जानें। इसके लिए फंड हाउस की फैक्टशीट भी देख सकते हैं।


एसआईपी के जरिये भी पा सकते हैं लक्ष्य
बच्चों को बेहतर शिक्षा देना हर माता-पिता की कोशिश होती है। इसके लिए वे सिस्टमैटिक निवेश क्या प्लस 500 लंबी अवधि के निवेश के लिए है योजना (एसआईपी) के जरिये भी निरंतर निवेश कर सकते हैं। हर साल आय बढ़ने के साथ निवेश बढ़ाने पर भी विचार करें। इससे समय पर लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार

सुरक्षित निवेश का प्रमुख माध्यम PPF, जमाकर्ताओं के लिए यह है जरूरी नियम

पब्लिक प्रोविडेंट फंड के माध्यम से लंबी अवधि के लिए छोटी बचत का सबसे अच्छा माध्यम है। पीपीएफ के माध्यम से हम भविष्य की जरूरतों के हिसाब से बचत कर सकते हैं। ऐसे समय जब तमाम प्राइवेट चिटफंड कंपनी के भागने की खबर आती है में पीपीएफ सुरक्षित निवेश का उत्तम साधन है।

patrika

पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ सुरक्षित निवेश का प्रमुख माध्यम है। जिसमें निवेश करके हम अपने भविष्य को संवार सकते हैं। सुरक्षित निवेश के साथ अच्छा रिफंड मिले तो उससे ज्यादा आम लोगों को और क्या चाहिए। सरकार द्वारा संचालित पीपीएफ छोटे बचत का महत्वपूर्ण माध्यम है। छोटी-छोटी बचत करके हम भविष्य में खर्च होने वाले मोटी रकम की व्यवस्था भी कर सकते हैं। शिक्षा से लेकर शादी विवाह की योजनाओं को अमल कर सकते हैं। लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश का होना जरूरी है। ऐसे समय जब तमाम प्राइवेट कंपनी बचत की मोटी रकम लेकर फरार हो जाती हैं। पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।

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