नया साल वियतनाम में मनाना एक यादगार अनुभव साबित हो सकता है. यहां घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं. यह दुनिया के ऐसे देशों में शामिल है, जहां भारतीय मुद्रा रुपये की कीमत बहुत अधिक है. इससे यह देश भारतीय पर्यटकों के लिए सस्ता साबित होता है. वियतनाम में खाना, ठहरना और यातायात एक सीमित बजट में हो जाता है. वियतनाम में घूमने की जगहों में हो ची मिन्ह सिटी, फु क्वोक, दानंग, होई एन, हालोंग बे, डा नांग आदि शामिल हैं.

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भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

इन 10 देशों में 1 रुपए में ही खरीदी जा सकती हैं कई चीजें, भारत के मुकाबले सैकड़ों गुना कम है करेंसी की वैल्यू

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अगर आप विदेश घूमने के शौक़ीन हैं लेकिन मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है नई जगह की करेंसी और खर्चे से परेशान हैं तो हम आपको इस परेशानी का सॉल्यूशन बता रहे. हम यहां उन जगहों की बात कर रहे हैं जिनकी करेंसी भारतीय रुपए की तुलना में काफी कम है. यानी इन जगहों पर घूमने के लिए आपको पैसों की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी.

जानिए ऐसे ही 10 देशों के बारे में जहां आप लो बजट में घूम फिर सकते हैं. इस तरह से आपके पैसे भी बच जाएंगे और आसपास के लोगों के बीच आपका नाम भी हो जाएगा कि आप विदेश घूमकर आए हैं. हालांकि इन जगहों पर जाने से पहले आपको वहां का एक्सचेंज रेट जरूर चेक करना चाहिए क्योंकि रुपए की कीमत में उतार-चढ़ाव का आना काफी आम बात है. तो जानिए अपनी बजट विदेश यात्रा के बारे में…

Rupees में कीमत कैसे घटती या बढ़ती है, Petrol और डीजल से इसका क्या है कनेक्शन?

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डीएनए हिंदी: हर देश की अपनी एक करेंसी होती है. वैसे ही रुपया भी भारत की करेंसी है. रुपये के कमजोर होने या मजबूत होने की खबर अक्सर आपको सुनने में आता होगा, लेकिन इससे आपको क्या फायदा या नुकसान होता है? अगर नहीं जानते तो यहां हम आपके इन्हीं सवालों का बड़ी ही आसान भाषा में जवाब देंगे?

रुपये के कमजोर या मजबूत होने की वजह

रुपये की कीमत पूरी तरह इसकी डिमांड और सप्लाई पर डिपेंड करती है. इसपर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का भी असर पड़ता है. बता मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है दें हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है जिससे वे एक दूसरे के साथ व्यापार करते हैं. आम बोलचाल भाषा में इसे ही विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं. समय-समय पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसके आंकड़े जारी करता रहता है. विदेशी मुद्रा के घटने या बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा में वृद्धि या गिरावट देखने को मिलती है. बता दें कि अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी की अहमियत हासिल है. यानी कि ज्यादातर निर्यात की जाने वाली चीजों का पेमेंट अमेरिकी डॉलर में किया जाता है. यही कारण है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा कितना मजबूत या कमजोर है.

मुद्रा का प्रसार एवं मापन

मुद्रा का प्रसार एवं मापन :- किसी भी समय अर्थव्यवस्था में कुल मुद्रा को मापने के लिए केन्द्रीय बैंक कुछ मापक का प्रयोग करते हैं। भारत के संदर्भ में रिजर्व बैंक द्वारा 1977 में एक वर्क फोर्स का गठन किया गया, जिसके द्वारा बाजार में किसी समय पर कितनी मुद्रा उपलब्ध है, मापने के लिए 4 मापक तय किये गए जिन्हें M1, M2, M3 एवं M4 नाम से मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है जाना जाता है। मुद्रा के मापन को समझने से पहले अर्थव्यवस्था में तरलता शब्द को समझना आवश्यक है।

अर्थव्यवस्था में तरलता (Liquidity) – अर्थव्यवस्था में तरलता दो प्रकार से हो सकती है –

1. बाजार की तरलता – किसी भी समय अर्थव्यवस्था में उपलब्ध मुद्रा की कुल मात्रा को तरलता कहा जाता है। यदि तरलता अधिक है तो मुद्रास्फीति की स्थित उत्पन्न हो सकती हैं जबकि तरलता कम होने की स्थिति में अपस्फीति या मंदी आ सकती है।

मुद्रा का मापन

1. M1= CU (Coins and Currency) + DD (Demand and Deposit)

CU अर्थात लोगों के पास उपलब्ध नगद (नोट एवं सिक्के), DD अर्थात व्यावसायिक बैंकों के पास कुल निवल जमा एवं रिजर्व बैंक के पास अन्य जमाये। निवल शब्द से बैंक के द्वारा रखी गयी लोगों की जमा का ही बोध होता है और इसलिए यह मुद्रा की पूर्ति में शामिल हैं। अंतर बैंक जमा, जो एक व्यावसायिक बैंक दूसरे व्यावसायिक बैंक में रखते हैं, को मुद्रा की पूर्ति के भाग के रूप में नहीं जाना जाता है।

2. M2= M1 + डाकघर बचत बैंकों की बचत जमांए

3. M3= M1 + बैंक की सावधि जमाये(FD)

4. M4= M3 + डाकघर बचत संस्थाओं में कुल जमा राशि (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्रों को छोड़कर)

M1 से M4 की तरफ जाने पर मुद्रा की तरलता घटती मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है है, परन्तु बाजार की तरलता बढ़ती जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा का मूल्य निर्धारण

1. बाजार द्वारा मुद्रा का मूल्य निर्धारण – अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में किसी देश की मुद्रा की मांग के आधार पर उसके मूल्य का निर्धारण किया जाता है। इसे प्रवाही विनिमय दर(Floating exchange rate) कहते हैं। प्रवाही इसलिए क्योंकि यह दर कम ज्यादा होते रहती है। किसी भी देश की मुद्रा का मूल्य निरपेक्ष(अकेले) नहीं होता वो हमेशा दूसरी मुद्रा के सापेक्ष होता है, अर्थात एक देश की मुद्रा की दूसरे देश के मुद्रा के साथ तुलना की जाती है इसे विनिमय दर(Exchange rate) कहते हैं। जैसे 1$=74रू0

2. सरकार द्वारा मुद्रा का मूल्य निर्धारण – कभी-कभी सरकारें भी जानबूझकर अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम या ज्यादा कर देती है। ऐसा उस देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाता है –

Cheapest Countries: नये साल पर विदेश घूमने का है प्लान, तो इन देशों में जरूर जाएं, अमीर महसूस करेंगे आप

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Best International New Year Destinations On Budget : नये साल पर अगर आप भारत से बाहर कहीं घूमने जाने मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है का प्लान बना रहे हैं और बजट थोड़ा टाइट है, तो हम आपको बताते हैं ऐसे डेस्टिनेशंस के बारे में जहां भारतीय मुद्रा की कीमत है बहुत ज्यादा है. इन देशों में रहना, खाना-पीना, ट्रांसपोर्ट, होटल और मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है अन्य गतिविधियों में लगनेवाला खर्च कम होता है. अब नया साल आने में मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है ज्यादा समय नहीं रह गया है. ऐसे में अगर आप विदेश जाने का प्लान बना रहे हैं तो अभी से टिकट की बुकिंग करा लें. अगर आप भी बजट में फॉरेन ट्रिप करना चाहते हैं, तो हम आपको भारत से बाहर घूमने की सस्ती जगहों के बारे में बताते हैं.

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