प्रियंका चोपड़ा ने बताया बॉलीवुड का काला सच, कहा- ‘मुझे काली बिल्ली कहते थे’
मुंबईः प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) अब सिर्फ बॉलीवुड का ही नहीं, हॉलीवुड का भी जाना-माना नाम बन चुकी हैं. प्रियंका ने एक ग्लोबल स्टार के तौर पर अपनी पहचान स्थापित की है और इसमें कोई शक नहीं कि अब देश में ही नहीं विदेशों में भी उनके भारी संख्या में फैन हैं. आज मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? लाखों दिलों पर राज करने वाली प्रियंका चोपड़ा को भी कभी बॉडी शेमिंग और अपने रंग को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा था. बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने साथ हुए बुरे व्यवहार का खुलासा किया है.
प्रियंका चोपड़ा जोनास ने हाल ही में बीबीसी की ‘100 वीमन’ लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है. अभिनेत्री साल 2022 की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बन गई हैं. ऐसे में उन्होंने बीबीसी से बातचीत में बॉलीवुड में अपने साथ हुए रंगभेद का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें मेल एक्टर्स की तुलना में कम भुगतान किया जाता था, सेट मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? पर घंटों इंतजार करना होता था और अपने रंग को लेकर भी कड़वी बातें सुननी पड़ती थीं.मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है?
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प्रियंका कहती हैं- ‘मुझे काली बिल्ली और सांवली कहा जाता था. मेरा मतलब है, सांवली क्या होता है? वो भी उस देश में, जहां सभी ब्राउन हैं. मुझे लगने लगा था कि मैं सुंदर नहीं हूं. मैं सोचती थी कि मुझे दूसरों से ज्यादा कड़ी मेहनतर करना पड़ेगा, जबकि मुझे विश्वास था कि मैं अपने से हल्के रंग वाले एक्टर्स से ज्यादा टैलेंटेड हूं. लेकिन, मुझे लगता था कि सब ठीक है, क्योंकि यही सामान्य माना जाता है.’
बता दें, प्रियंका चोपड़ा ने 2002 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने तमिल फिल्म Thzmizhan से डेब्यू किया था. जिसके बाद वह कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आईं. उन्होंने अपने लिए अक्सर चैलेंजिंग रोल चुने और अपनी शानदार अदाकारी से देश में ही नहीं विदेश में भी नाम कमाया. लेकिन, बॉलीवुड में एक्सपीरियंस किए कड़वे अनुभवों को अभिनेत्री आज भी भूल नहीं पाई हैं.
एयरटेल लेकर आया वर्ल्ड पास, 184 देशों में चलेगा सिम
दूरसंचार सेवा कंपनी एयरटेल ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सेवाओं को चालू रखने के लिये ‘एयरटेल वर्ल्ड पास’ लॉन्च किया है. एयरटेल ने कहा कि वर्ल्ड पास 184 देशों में निर्बाध रूप से काम करता है. कंपनी ने कहा कि दो या दो से अधिक देशों की यात्रा करने वाला व्यक्ति भी इस एक पैक से अपनी सभी रोमिंग आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है.
एयरटेल का वर्ल्ड क्लास पास उपोयगी साबित होगा
दूरसंचार मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? सेवा कंपनी एयरटेल ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सेवाओं को चालू रखने के लिये ‘एयरटेल वर्ल्ड पास' लॉन्च किया है. एयरटेल ने कहा कि वर्ल्ड पास 184 देशों में निर्बाध रूप से काम करता है. कंपनी ने कहा कि दो या दो से अधिक देशों की यात्रा करने वाला व्यक्ति भी इस एक पैक से अपनी सभी रोमिंग आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है.
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विज्ञप्ति में कहा गया, “यह बदलाव एयरटेल द्वारा किये गये व्यापक ग्राहक अनुसंधान पर आधारित है. कई ग्राहक पूरे वैश्विक टेल्को उद्योग में सामान्य रूप से भ्रमित करने वाले अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पैक पाते हैं. नतीजतन, कई लोग जब चाहते हैं तब वह नेटवर्क से जुड़े नहीं होते. ऐसे में वे विदेश में अस्थायी कनेक्शन के जटिल विकल्प तलाशते हैं. एयरटेल ने वर्ल्ड पास के लॉन्च के साथ इस समस्या को संरचनात्मक रूप से हल कर लिया है.”
भारती एयरटेल के उपभोक्ता व्यापार निदेशक शाश्वत शर्मा ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय यात्रा संबंधी चिंताओं पर हमने जो प्रतिक्रिया सुनी है, उसने हमें अपने ग्राहकों के लिये एयरटेल वर्ल्ड पास लॉन्च करने के लिए मजबूर किया है. यह हमारे ग्राहकों को दुनियाभर मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? के लिये एक पैक प्रदान करता है और वे ऐप पर क्या उपयोग करते हैं, उन्हें नियंत्रित करने की अनुमति भी देता है.”
उन्होंने कहा, “एयरटेल वर्ल्ड पास के साथ हमने वैश्विक दूरसंचार उद्योग में एक नया मानक स्थापित किया है. मुझे यकीन है कि हमारे ग्राहक इससे बहुत लाभान्वित होंगे.”
CNG Price: सस्ती होगी सीएनजी? किरीट पारिख पैनल की सिफारिश, गैस पर जीएसटी लगने तक उत्पाद शुल्क में हो कटौती
CNG Price किरीट पारिख पैनल ने गैस की कीमतों के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा है कि सरकार को गैस की कीमतों में राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती करनी चाहिए। अहम सवाल ये है कि क्या इसके बाद गैस सस्ती होगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। CNG Price: किरीट पारिख समिति ने सिफारिश की है कि केंद्र सरकार को सीएनजी पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में तब तक नरमी बरतनी चाहिए, जब तक कि प्राकृतिक गैस को 'एक देश एक कर' वाली जीएसटी व्यवस्था में शामिल नहीं कर लिया जाता। प्राकृतिक गैस वर्तमान में जीएसटी के दायरे से बाहर है।
केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस को गैस के रूप में फुटकर बेचने से पहले उस पर उत्पाद पर शुल्क नहीं लगाती है। यह कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) पर 14 प्रतिशत कर लगाती है। इसके अलावा राज्य भी गैस पर 24.5 फीसदी तक वैट लगाते हैं।
GST के दायरे में लाई जाए गैस
अंतिम उपभोक्ता को गैस की उचित कीमत मिले और गैस की कीमतें बाजार के हिसाब से तथा ट्रांसपेरेंट और विश्वसनीय हों, साथ ही इनकी सही मूल्य निर्धारण व्यवस्था हो, इन सभी को ध्यान में रखकर बनाई गई पारिख समिति ने पिछले सप्ताह तेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि गैस को जीएसटी के तहत लाया जाना मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? चाहिए। समिति ने कहा है कि इसके लिए राज्यों के बीच आम सहमति की आवश्यकता है। इसे प्राप्त करने के लिए, यदि आवश्यक हो तो राज्यों को राजस्व में किसी भी नुकसान के लिए पांच साल के लिए मुआवजा दिया जा सकता है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम करने पर हो विचार
आपको बता दें कि 1 जुलाई, 2017 को वस्तुओं और सेवाओं के लिए जीएसटी लागू करते समय कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ के साथ प्राकृतिक गैस को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया था। गुजरात जैसे गैस उत्पादक राज्य को वैट और अन्य करों को जीएसटी में तब्दील होने के बाद राजस्व के नुकसान की आशंका थी। समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि जीएसटी लागू होने तक सरकार उपभोक्ताओं पर प्राकृतिक गैस लागत के बोझ को कम करने के लिए सीएनजी पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क दर को कम करने पर विचार करना चाहिए।
अधिकतम और न्यूनतम कीमतें तय करने का सुझाव
पैनल ने सीएनजी और घरेलू पाइप गैस के लिए अधिकतम और न्यूनतम कीमतों को तय करने का सुझाव भी दिया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत प्राकृतिक गैस को लाने से भारत के एनर्जी बास्केट में पर्यावरण के अनुकूल ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार 2030 तक देश की प्राइमरी एनर्जी बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जो वर्तमान में 6.2 प्रतिशत है।
प्राकृतिक गैस के अधिक उपयोग से ईंधन की लागत में कटौती के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे राष्ट्र को अपनी सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। जीएसटी व्यवस्था के तहत प्राकृतिक गैस को शामिल न करने से प्राकृतिक गैस की कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वर्तमान में तेल और गैस उद्योग मशीनरी और सेवाओं की खरीद पर जीएसटी का भुगतान करता है लेकिन जीएसटी के तहत अंतिम उत्पाद शामिल नहीं होने के कारण इनको इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता।
खुल गया All E Technologies का IPO, 13 दिसंबर तक लगा सकेंगे पैसा
All E Technologies Limited (Alletec) का SME IPO आज यानी 9 दिसंबर 2022 से खुल गया है. यह आईपीओ 13 दिसंबर 2022 को बंद होगा. इश्यू के तहत 53,55,200 शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा और प्राइस बैंड 87-90 रुपये रखा गया है. आईपीओ के लिए Skyline Financial Services Private Ltd रजिस्ट्रार है. Alletec एक डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन कंपनी है और इसे 6 बार Microsoft Business Applications Inner Circle अवॉर्ड मिल चुका है.
यह पिछले 10 सालों से ज्यादा वक्त से बिजनेस एप्लीकेशंस के लिए भारत से माइक्रोसॉफ्ट के लिए टॉप पार्टनर है. कंपनी आईपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल बिजनेस के एक्सपेंशन, समान या कॉम्प्लिमेंटरी एरियाज में कारोबारों के अधिग्रहण और जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. कंपनी के प्रमोटर डॉ. अजय मिलान और डॉ. सुमन मिलान हैं. ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयर 60 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. आईपीओ की मदद से 48.20 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. कंपनी के शेयरों की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग 21 दिसंबर को हो सकती है.
30 देशों में 750 से अधिक ग्राहक
Alletec ईआरपी, सीआरएम, सहयोग पोर्टल, मोबाइल ऐप की एकीकृत परिचालन प्रणाली को स्थापित करके कंपनी और ग्राहकों, कारखानों और फील्ड सेवा, स्टोर फ्रंट व आपूर्ति श्रृंखला, मरीजों मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? और प्रदाताओं, लोगों और सरकारों को एक साथ लाने में मदद करता है. साथ में व्यवसायों को मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है? डेटा से कार्रवाई योग्य इनसाइट्स आकर्षित करने में सक्षम बनाता है. Alletec ने 30 देशों के 750 से अधिक ग्राहकों को एंटरप्राइज एप्लिकेशंस प्रदान किए हैं. कंपनी की सेवाओं का अधिकांश राजस्व यूएसए, यूरोप और अफ्रीका से आता है.
लैंडमार्क कार्स का IPO 13 दिसंबर को
वाहन ‘डीलरशिप’ कारोबार से जुड़ी लैंडमार्क कार्स लिमिटेड का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदन के लिये 13 दिसंबर को खुलेगा. कंपनी ने 552 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री के लिए मूल्य दायरा 481-506 रुपये प्रति शेयर तय किया है.
कंपनी का कहना है कि तीन दिन का आईपीओ 15 दिसंबर को बंद होगा. एंकर यानी बड़े निवेशक 12 दिसंबर से शेयरों के लिए बोलियां लगा सकेंगे. निर्गम में 150 करोड़ रुपये तक के नये शेयर जारी किये जायेंगे. इसमें 402 करोड़ रुपये तक बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है.
कंपनी निर्गम से प्राप्त राशि का उपयोग कर्ज भुगतान और सामान्य कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी. निर्गम का आधा हिस्सा पात्र संस्थागत निवेशकों के लिए, 35 प्रतिशत खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए और शेष 15 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है. निवेशक न्यूनतम 29 शेयरों के लिए और उसके बाद उसके गुणकों में बोली लगा सकते हैं. टीपीजी समर्थित लैंडमार्क कार्स भारत में मर्सिडीज-बेंज, हुंदै, जीप, फॉक्सवैगन और रेनो के लिए डीलरशिप के साथ वाहनों के खुदरा कारोबार से जुड़ी है. कंपनी का शेयर 23 दिसंबर को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होगा.
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