Edited By: India TV Business Desk
Published on: August 27, 2022 12:39 IST

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर पर

समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा बिहार 18.031 अरब डॉलर हो गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 30 लाख विदेशी मुद्रा बिहार डॉलर घटकर 4.987 अरब डॉलर रह गया।

Indian Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट, इसके पीछे की असली वजह आई सामने

Indian Foreign Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी है।

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Published on: August 27, 2022 12:39 IST

भारत के विदेशी मुद्रा. - India TV Hindi

Photo:INDIA TV भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट

Highlights

  • भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
  • गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है
  • यूक्रेन-रूस युद्ध भी है इसका कारण

Indian Foreign Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी है। इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था।

इसे पीछे का असली कारण स्वर्ण भंडार विदेशी मुद्रा बिहार का कम होना है

रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा बिहार एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है। साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया।

क्या कहता है आरबीआई?

विदेशी मुद्रा भंडार घटने के पीछे विश्व में आर्थिक मंदी आने के संकेत भी है। भारतीय रिजर्व बैंक इसे कंट्रोल करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उसके हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।

यूक्रेन-रूस युद्ध है इसका कारण

आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।

रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है। अध्ययन के अनुसार, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मुद्रा भंडार में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस वर्ष 29 जुलाई तक 56 अरब डॉलर की कमी आई है।

अध्ययन में कहा गया है कि उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों में ब्याज दर, मुद्रास्फीति, सरकारी कर्ज, चालू खाते का घाटा, जिंसों पर निर्भरता राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम शामिल हैं।

बिहार चुनाव: खूब बांटा जा रहा पैसा, करोड़ों रुपए कालाधन बरामद, पकड़ी विदेशी मुद्रा

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है।

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बिहार चुनाव: खूब बांटा जा रहा पैसा, करोड़ों रुपए कालाधन बरामद, पकड़ी विदेशी मुद्रा

28 अक्टूबर से बिहार विधानसभा विदेशी मुद्रा बिहार चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही नेपाली मुद्रा भी जब्त की गई है।

लखनऊ: बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में जीत के लिए राजनीति पार्टियों ने पूरा जोर लगा दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की तरफ से धनबल का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। लोगों को पैसे और शराब बांटे जा रहे हैं। बिहार में 19 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं।

सबसे बड़ी बात है कि चुनाव में नेपाली मुद्रा भी जमकर बांटी जारी है। पुलिस ने 79.85 लाख नेपाली मुद्रा भी पकड़ी है। माना जा रहा है कि नेपाल के सटे बिहार के जिलों में वोट लेने के लिए नेपाली पैसा बांटा गया। साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 23.81 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।

कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 67 व्यय पर्यवेक्षक तैनात

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है। बिहार के 91 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को चुनावी खर्च के लिहाज से संवेदनशील चिन्हित किया गया है।

Bihar Election 2020

बिहार में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए 881 उड़न-दस्तों और 948 स्टेटिक सर्विलांस टीमें बनाई गई है। खर्च विदेशी मुद्रा बिहार संबंधी निगरानी को लेकर आयोग ने बिहार और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई बार बैठकें हुई हैं।

कानून के मुताबिक चुनाव में नकद और उपहार देने की इजाजत नहीं है। मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से उन्हें धन, शराब या कोई अन्य वस्तुएं देना रिश्वत कहलाएंगी। यह आईपीसी की धारा 171बी और आरपी. अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है। चुनाव में ऐसी वस्तुओं पर व्यय किया जाना अवैध है।

बढ़ाया गया है चुनाव खर्च

बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रत्याशियों की चुनावी खर्च सीमा 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। कानून और न्याय मंत्रालय की तरफ से विधानसभा चुनावों के लिए यह राशि 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 30.8 लाख रुपये कर दी गई। यह 20 लाख रुपये खर्च की सीमा वाले प्रदेशों में 22 लाख रुपये होगी, तो वहीं लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी के अधिकतम खर्च को 77 लाख कर दी गई है जो पहले 70 लाख रुपए थी। तो वहीं छोटे राज्यों में 59 लाख रुपए किया गया है यहां पर 54 लाख रुपये थी। चुनाव आयोग ने खर्च बढ़ाने की सिफारिश की थी।

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विदेशी मुद्रा बिहार

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Q. With reference to the foreign exchange reserves of India, consider the following विदेशी मुद्रा बिहार statements:

Which of the statements given above is/are correct?

Q. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

बिहार:गोपालगंज का सबेया एयरपोर्ट होगा शुरू, अरब देश मे कमाने वालों को घर आने मे होगी सहूलियत

बिहार:गोपालगंज का सबेया एयरपोर्ट होगा शुरू, अरब देश मे कमाने वालों को घर आने मे होगी सहूलियत

केंद्र सरकार ने बिहार को बड़ी सौगात दी विदेशी मुद्रा बिहार है, जिससे गोपालगंज के साथ साथ सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और यूपी के कई जिलों के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। उड़ान योजना के तहत हथुआ के सबेया हवाई अड्डा को विदेशी मुद्रा बिहार जोड़ने की मंजूरी दे दी गई है। इसे रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत डेवलप किया जाएगा. अब यहाँ से बड़े बड़े शहरों के लिए उड़ान भरी जा सकेगी। ऐसा कहा जा रहा कि गोपालगंज के सांसद आलोक कुमार सुमन, जो जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी हैं, की कोशिश रंग लाई और इस महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी मिल सकी।

दरअसल उन्होंने कई बार, कभी जीरो आवर तो कभी क्वेश्चन ऑवर मे लोकसभा मे सबेया हवाई अड्डा को डेवलप करने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर ध्यान दिया और सबेया हवाई अड्डा को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के साथ जोड़ने के लिए मंजूरी दे दी। डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने इस बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि तकरीबन 571 एकड़ मे सबेया हवाई अड्डा बना हुआ है, लेकिन इसकी उपेक्षा के कारण हवाई अड्डा की इस ज़मीन को अतिक्रमण कर लिया गया है, लेकिन अब इसे विकसित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे सांसद नहीं थे तभी से उनका एक सपना था कि गोपालगंज के लोग भी अपने ही शहर से हवाई यात्रा करें। आज उनका यह सपना पीएम नरेन्द्र मोदी की वजह से साकार हो गया।

इन जिलो को होगा फायदा

सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने बताया कि नागर विमानन उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप एस पुरी ने कहा है कि इसे रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में जोड़ने का काम किया जाएगा। सांसद ने गोपालगंज के बारे मे कहते हुए यह भी कहा कि गोपालगंज और सिवान के अधिकतर लोग खाड़ी देशों मे काम के लिए जाते हैं लेकिन उन्हें हवाई सुविधा नहीं मिल पाती। बिहार मे सबसे अधिक विदेशी मुद्रा गोपालगंज और सिवान मे ही आता है। सबेया एयरपोर्ट के उड़ान स्कीम मे शामिल हो जाने पर अब इसका फायदा ना केवल गोपालगंज को बल्कि सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण समेत यूपी के कई जिलों को होगा।

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