‘फिनब्रिज एक्सपो’, भारत की पहली फिनटेक प्रदर्शनी

भारत की अग्रणी फिनटेक प्रदर्शनी और सम्मेलन ‘फिनब्रिज एक्सपो‘ 17 और 18 दिसंबर 2022 को आयोजित किया जाएगा। प्रदर्शनी का आयोजन नेहरू सेंटर, वर्ली, मुंबई में किया जाएगा। फिनब्रिज एक्सपो निवेशकों, व्यापारियों, वित्त पेशेवरों और संस्थानों के लिए वित्तीय बाजारों के अत्याधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को हासिल करने के लिए भारत का सबसे अच्छा मंच है। यह एक प्रौद्योगिकी उद्योग है जो वित्तीय सेवाओं को पूरा करता है। https://theyouthedge.com/?s=Current+affairs

प्रदर्शनी के बारे में-

  1. इसमें क्या शामिल होगा: ‘ फिनब्रिज एक्सपो’ में 2 प्रदर्शनियां और 3 सम्मेलन शामिल होंगे जो 5 हॉल में फैले होंगे। प्रदर्शनी व्यापार और निवेश प्रौद्योगिकी में नवीनतम उपकरण, प्रौद्योगिकी और रुझान प्रदर्शित करेगी।
  2. कंपनी का काम : कंपनी के पास निवेश विश्लेषण क्या है टेक्निकल एनालिसिस प्लेटफॉर्म, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, स्टॉक एंड ऑप्शंस एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म, म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट एजुकेशन फर्म आदि जैसी सेवाएं हैं। प्रदर्शनी एल्गोरिथम ट्रेडिंग, टेक्नोलॉजी और सेवाओं पर आधारित होगी। यह धीरे-धीरे किसी के व्यापार को स्वचालित करने और नियम-आधारित व्यापार और उच्च-आवृत्ति व्यापार को सक्रिय करने के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रदर्शित करेगा।

सम्मेलन के बारे में-

सम्मेलनों को 3 सम्मेलनों में विभाजित किया जाएगा:

  • ट्रेडर्स कॉन्फ्रेंस : इसमें तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग अंतर्दृष्टि शामिल होगी।
  • निवेशक सम्मेलन : यह स्टॉक और कमोडिटी बाजार के मूलभूत पहलुओं को शामिल करते हुए दीर्घकालिक निवेश और धन सृजन के बारे में होगा।
  • एल्गो सम्मेलन : इसमें एल्गोरिथम ट्रेडिंग, एआई और मशीन लर्निंग पर सत्र शामिल होंगे।

सम्मेलन में भाग लेने वाले-

भारत की प्रमुख वित्तीय कंपनियां सम्मेलनों में भाग लेंगी । वे आगंतुकों को स्टॉक और म्युचुअल फंड और अन्य वित्तीय साधनों में निवेश रणनीतियों की जानकारी देंगे। भारत के शेयर बाजार में इसकी शक्ति के कारण, फिनब्रिज एक्सपो निवेशक या व्यापारी के लिए एक महत्वपूर्ण सम्मलेन बन जाता है। आमने-सामने की बैठक भी आयोजित की जाएगी। यह विज़िटर को विशिष्ट निवेश आवश्यकताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनी खोजने की अनुमति देगा। इसके अलावा, प्रभावित करने वालों के साथ नेटवर्किंग से निवेश और धन सृजन उद्योग के भीतर आजीवन व्यापार संघ बनाने में मदद मिलेगी। लंबे समय से प्रतीक्षित प्रदर्शनी में पूरे भारत के हजारों निवेशक और व्यापारी भाग लेंगे।

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मेक इन इंडिया

मुख्य पृष्ठ

भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार निवेश विश्लेषण क्या है से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की निवेश विश्लेषण क्या है गई है:

चुनौतियों का सामना

सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है।

सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को निवेश विश्लेषण क्या है प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।

29 दिसंबर 2014 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है।

कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। 'इनवेस्ट इंडिया' में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है।

निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य

  • मध्यम अवधि में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य
  • 2022 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि
  • विनिर्माण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना
  • समावेशी विकास के लिए ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण
  • घरेलू मूल्य संवर्धन और निर्माण में तकनीकी गहराई में वृद्धि
  • भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
  • विशेष रूप से पर्यावरण के संबंध में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना

आर्थिक विकास के आगे की दिशा

  • भारत ने अपनी उपस्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप दर्ज करायी है
  • 2020 तक इसे दुनिया की शीर्ष तीन विकास अर्थव्यवस्थाओं और शीर्ष तीन निर्माण स्थलों में गिने जाने की उम्मीद है
  • अगले 2-3 दशकों के लिए अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश। गुणवत्तापूर्ण कर्मचारियों की निरंतर उपलब्धता।
  • जनशक्ति की लागत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है
  • विश्वसनीयता और व्यावसायिकता के साथ संचालित जिम्मेदार व्यावसायिक घराने
  • घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद
  • शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमतायें
  • विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार

भारत में परेशानी मुक्त व्यापार

'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।

अब जब व्यापार करने की बात आती है तो भारत काफी कुछ प्रदान करता है। अब यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है जो स्थिर अर्थव्यवस्था और आकर्षक व्यवसाय के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। भारत में निवेश करने के लिए यह सही समय है जब यह देश सभी को विकास और समृद्धि के मामले में बहुत कुछ प्रदान कर रहा है।

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड ही प्रधानमंत्री के कार्यालय में विशेष रूप से अधिकार प्राप्त बोर्ड केवल एक ऐसी एजेंसी है जो देश में निवेश संवर्धन करने के साथसाथ एफडीआई से संबंधित मामलों पर कार्यवाही करती है । इसके अध्यक्ष उद्योग सचिव (औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग) हैं । इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों,अप्रवासी भारतियों तथा अन्य विदेशी निवेशकों के माध्यम से देश में निवेश की सुविधा प्रदान करके भारत तथा विदेश में निवेश संवर्धन कार्यकलापों की शुरूआत करके भारत में एफडीआई का संवर्धन करना है ।. और अधिक

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