वह नागरिक जो भारत में जन्म लेने के बाद किन्ही भी कारणों से विदेश चला जाता है और वहां की नागरिकता लेकर वहीँ रहने लगता है, उसे एनआरआई यानी प्रवासी भारतीय कहा जाता है।
कितने तरह के होते हैं NRI बैंक अकाउंट्स और उन पर कैसे तय होती है टैक्स की देनदारी?
जहां तक टैक्स देनदारी की बात है तो एनआरई अकाउंट पर किसी प्रकार का कर नहीं लगता. इस अकाउंट को टैक्स से छूट प्राप्त है. इस अकाउंट में विदेश से जो पैसा आ रहा है या ट्रांसफर हो रहा है, या उसका जो ब्याज है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
कोरोना के कारण अप्रवासी भारतीयों और विदेशियों को लंबे समय तक भारत में ही रुकना पड़ा. ऐसे में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इन पर डबल टैक्सेशन की तलवार लटक रही है. ऐसे लोंगों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 मार्च 2021 तक सूचना देने के लिए कहा है. 3 मार्च को जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर वे डीटीएए की ओर से दी गई राहत के बावजूद डबल टैक्सेशन का सामना कर रहे हैं तो वे फॉर्म-एनआर जमा कर सकते हैं.
एनआरआई यानी कि नॉन रेजिडेंट ऑफ इंडिया या अनिवासी भारतीय. ऐसे लोग भारत से बाहर रहते हैं और वे भारत में अपने पैसे भेजते हैं. इनका बैंक अकाउंट आम अकाउंट की तरह नहीं होता और इसके कायदे-कानून भी अलग हैं. ये अलग-अलग तरह के अकाउंट होते हैं और इन सब पर अलग-अलग प्रकार की टैक्स देनदारियां होती हैं.
एनआरआई मुख्य तौर पर तीन तरह के अकाउंट खोलते हैं. पहला होता है नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नस अकाउंट जिसे एनआरई अकाउंट कहते हैं. भारत में कोई भी एनआरआई यह अकाउंट खोल सकता है. विदेश जो पैसा भेजा जाता है, उसे इसी अकाउंट के माध्यम से भेजा जाता है. इस अकाउंट में पैसा खाली विदेश से आएगा, इसमें भारत में पैसा जमा नहीं करा सकते.
एनआरई और एनआरओ अकाउंट
इसी तरह दूसरा अकाउंट होता है जिसका नाम है एनआरओ अकाउंट. इसे एनआरआई ऑर्डनरी अकाउंट कहते हैं. यह साधारण सेविंग अकाउंट की तरह होता है जैसे हमलोग खोलते हैं. जैसे भारत में हम लोकल स्तर पर अकाउंट जमा करते हैं, वैसे ही एनआरआई भी इसमें भारत में जमा कर सकते हैं. जहां तक बात एनआरई अकाउंट की है तो विदेश से एनआरई अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. लेकिन भारत से एनआरई अकाउंट में पैसा जमा नहीं कर सकते.
इसके विपरीत एरआरओ अकाउंट में भारत में पैसा जमा कर सकते हैं. भारत से कोई आमदनी हो रही है या ब्याज आ रहा है तो उसे एनआरओ अकाउंट में जमा कर सकते हैं. तीसरी कैटेगरी एफसीएनआरआई अकाउंट यानी कि फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट अकाउंट. इस अकाउंट में डॉलर, पौंड या अन्य विदेशी करेंसी जमा की जा सकती है. यह जमा राशि भारत में रहती है.
एनआरई अकाउंट पर लगता है टैक्स
जहां तक टैक्स देनदारी की बात है तो एनआरई अकाउंट पर किसी प्रकार का कर नहीं लगता. इस अकाउंट को टैक्स से छूट प्राप्त है. इस अकाउंट में विदेश से जो पैसा आ रहा है या ट्रांसफर हो रहा है, या उसका जो ब्याज है उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि भारत में इसमें रकम जमा नहीं करा सकते. एनआरओ अकाउंट में जमा राशि पर टैक्स लगता है. इस अकाउंट में जमा राशि पर अगर ब्याज मिलता है तो उस पर भी टैक्स लगेगा. एफसीएनआरआई अकाउंट में जमा राशि पर भी टैक्स नहीं लगता. उसमें आने वाला पैसा या उसका ब्याज, टैक्स के छूट के दायरे में आता है.
एनआरई अकाउंट का फायदा
एनआरई सेविंग अकाउंट और एनआरई फिक्सड डिपोजिट दोनों पर ही अच्छा ब्याज मिलता है. ब्याज दर बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होती है. कुछ बैंक 6 प्रतिशत तो कुछ 4 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं. इन अकाउंट पर ब्याज दर का हिसाब हर दिन के क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर होता है. इस ब्याज का भुगतान सभी बैंक अर्ध वार्षिक तौर पर जून के महीने में करते हैं. एनआरई अकाउंट खुलवाना भी आसान है. बैंक इसके लिए ऑनलाइन की सुविधा देते हैं. बैंक के पोर्टल पर फॉर्म भरना होता है. उसका प्रिंट लेकर जरूरी दस्तावेज को सेल्फ अटेस्ट करने के बाद भारत के बैंक के पते पर कुरियर कर देने से खाता खुल जाता है. कई बैंक इसके लिए पोस्टल सर्विस भी चलाते हैं.
भारत लौटें तो क्या करें
एनआरआई बाद में भारत में लौटते हैं तो उन पर फिर एनआरआई के मुताबिक कानून काम नहीं करते बल्कि उन्हें भारतीय कानून के दायरे में आना पड़ता है. इसलिए बैंक अकाउंट के लेनदेन में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए. भारत लौटते ही उन्हें रेजिडेंट नियम का पालन करना चाहिए. भारत का निवासी होने के बाद इसकी जानकारी अपने बैंक को देनी चाहिए. भारत लौटने के 120-180 दिन के बाद बैंक में उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वे पूर्णतः भारत के ही नागरिक हैं. आप जब इसका आवेदन देंगे तो बैंक आपके अकाउंट को रेजिडेंट अकाउंट में बदलेगा. समय पर अगर बैंक को जानकारी नहीं दी जाती है तो इसका जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है.
एनआरआई इस तरीके से भारत में बैंक खाता खोलकर बढ़ा सकते हैं अपनी आय
अगर आप एनआरआई हैं, तो भी भारत में पैसा कमाने के रास्ते आपके लिए खुले हैं। एनआरओ यानी नॉनरेजीडेंट आर्डिनरी अकाउंट खुलवाकर आप मकान या दुकान के किराए, डिविडेंट, ब्याज, पेंशन व अन्य स्रोतों से कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि एनआरआई एनआरओ अकाउंट बचत, चालू और फिक्स्ड डिपाजिट खाता के रूप में खोल सकते हैं। इस प्रकार के खाते का संचालन आरबीआई के नियमानुसार किया जाता है।
आइए जानते हैं क्या है एनआरओ खाता खोलने की प्रक्रिया
अगर किसी प्रवासी का भारत एनआरओ खाता क्या है? में पहले से कोई खाता है तो उसी खाते को एनआरओ खाते के रूप में बदला जा सकता है। कोई खाता नहीं होने की स्थिति में नया एनआरओ खाता खोला जा सकता है। इस खाते को खोलने के लिए भारतीय कर कानून के अनुसार एनआरआई अकाउंट के लिए निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
इन दस्तावेजों को होगी जरूरत
- भारत में पहले से मौजूद खाते को बदलने के लिए सभी खाताधारकों द्वारा एक फॉर्म भर कर उस पर हस्ताक्षर करना होगा। फॉर्म के साथ पहचान प्रमाण पत्र, एनआरआई स्टेटस प्रूफ, विदेशी पते का प्रमाण और दो नई फोटो लगानी होगी।
- नया एनआरओ खाता खोलने के लिए खाता खोलने का फॉर्म भरना होगा तथा इसके साथ जरूरी केवाईसी दस्तावेज भी संलग्न करना होगा।
- विदेश में पते के प्रमाण के रूप में रोजगार पपत्र, छात्र स्टेटस, डिपेंडेंट वीजा स्टेटस या फिर विदेश में निवास की अनुमति पत्र का प्रयोग किया जा सकता है। ये सभी दस्तावेज भारतीय दूतावास, नोटरी या किसी भारतीय बैंक की विदेशी शाखा द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।
लेन-देन के प्रमाण की भी होगी आवश्यकता
- एनएसओ खाता खोलने के लिए भारतीय बैंक विदेश में किये गए आर्थिक लेन-देन के प्रमाण की मांग करता है। यह प्रमाण छह माह के भीतर के चेक क्लीयरेंस या क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट देकर दिया जा सकता है।
दस्तावेजों को जमा करने के बाद की प्रक्रिया
- साधारण खाते को एनएसओ खाते में बदलने की प्रक्रिया में दस्तावेजों के प्राप्त कर उसका सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के बाद साधारण खाते को एनएसओ खाते के रूप में बदल दिया जाता है।
- नए एनएसओ खाते के खोलने की प्रक्रिया में खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों और न्यूनतम धनराशि प्राप्त होने के बाद खाता खोल दिया जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- एनआरओ खाता प्रवासी भारतीय और भारतीय नागरिक के नाम से संयुक्त रूप से खोला जा सकता है।
- पासपोर्ट में अंकित हस्ताक्षर और फॉर्म पर किये गए हस्ताक्षर में अगर अंतर पाया जाता है तो उसे शाखा प्रबंधक से प्रमाणित कराना होगा।
- साधारण खाते को एनआरओ खाते में बदलने के लिए बैंक द्वारा कुछ शुल्क लिया जा सकता है।
अगर आप एनआरआई हैं, तो भी भारत में पैसा कमाने के रास्ते आपके लिए खुले हैं। एनआरओ यानी नॉनरेजीडेंट आर्डिनरी अकाउंट खुलवाकर आप मकान या दुकान के किराए, डिविडेंट, ब्याज, पेंशन व अन्य स्रोतों से कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि एनआरआई एनआरओ अकाउंट बचत, चालू और फिक्स्ड डिपाजिट खाता के रूप में खोल सकते हैं। इस प्रकार के खाते का संचालन आरबीआई के नियमानुसार किया जाता है।
आइए जानते हैं क्या है एनआरओ खाता खोलने की प्रक्रिया
अगर किसी प्रवासी का भारत में पहले से कोई खाता है तो उसी खाते को एनआरओ खाते के रूप में बदला जा सकता है। कोई खाता नहीं होने की स्थिति में नया एनआरओ खाता खोला जा सकता है। इस खाते को खोलने के लिए भारतीय कर कानून के अनुसार एनआरआई अकाउंट के लिए निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
NRE-NRO Account Kya hai – Deference between NRE NRO
NRE – NRO Account बैंकिंग प्रणाली का एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत विदेशो में रहने वाले NRI भारतीय, NRE या NRO account के माध्यम से अपना पैसा भेज सकते है। हालाँकि NRE और NRO Account दो भिन्न प्रकार के account है जिनमे बहुत सारी समानता होने के साथ साथ कुछ भिन्नता भी। आज हम NRE और NRO अकाउंट के बारे में जानेंगे। लेकिन सबसे पहले NRI क्या होता है और NRI का full फॉर्म और NRI का Hindi meaning क्या होता है यह जानेंगे फिर जानेगे क्या है Nre Account ?
NRI का full फॉर्म और NRI का Hindi meaning क्या होता है?
एनआरआई का फुल फॉर्म नॉन रेसिडेंट ऑफ इंडियंस (Non Resident Indians) होता है, जिसे हिंदी में प्रवासी भारतीय कहा जाता है। NRI की परिभाषा कुछ इस प्रकार होती है
वह नागरिक जो भारत में जन्म लेने के बाद किन्ही भी कारणों से विदेश चला जाता है और वहां की नागरिकता लेकर वहीँ रहने लगता है, उसे एनआरआई यानी प्रवासी भारतीय कहा जाता है।
What is NRE Account / एनआरई अकाउंट क्या है?
NRE account का full form NON Resident External होता है। यह खाता विदेशो में कमाए गए धन को भारत में भेजने में मददगार होता है। यह अकाउंट Saving, Currunt या फिर recurring deposit account भी हो सकता है। इस प्रकार के NRI account को खाता धारक के अलावा स्थानीय भारतीय निवासी भी चला सकता है। स्थानीय निवासी भारत देश में स्थानीय मुदा में पैसा जमा कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसके पास पावर ऑफ अटॉर्नी होना जरूरी है।
What is NRO Account / NRO Account Kya hai ?
NRO account का full form Non Resident Ordinary होता है। एनआरओ खाता खोलने पर account holder को देश में या फिर विदेश में कमाई गया धन जमा करने की सुविधा मिलती है। NRO Account भी NRE की तरह Saving, Currunt या फिर recurring deposit account हो सकता है। लेकिन इसके लिए Joint Account खाताधारक का भारतीय निवासी होना जरूरी है। इस खाते में विदेशी मुद्रा ममय हुआ धन, प्रॉपर बैंकिंग चैनल या एनआरई खाते से हासिल रेमिटेंस या भारत से हासिल एनआरओ खाता क्या है? पुराना बकाया जमा किया जा सकता है। इस खाते में जमा हुई रकम का इस्तेमाल भारत में भुगतान या निवेश में ही किया एनआरओ खाता क्या है? जा सकता है।
NRE या NRO Account Kaise khole :
NRE और NRO account खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान और एक जैसी ही है। इसके लिए NRI को किसी अधिकृत बैंक में आवेदन करना होगा। आप चाहे तो बैंक के कॉल सेण्टर पर भी फ़ोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है। कई बार बैंक आवेदक के ईमेल पर भी NRE या NRO अकाउंट का फॉर्म भेज देते है। आइये जानते है वो कौन से डाक्यूमेंट है आपको जिनकी आवश्यकता होगी.
NRE या NRO Account खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज :
NRE और NRO account खोलने के लिए आपको बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, रेजिडेंट परमिट, विदेशी या भारतीय बैंक के स्टेटमेंट जैसे दस्तावेज की आवश्यकता होगी । साथ ही इसमें फॉरेक्स रेमिटेंस या एनआरई खाते से ट्रांसफर के जरिए न्यूनतम राशि जमा कराना जरूरी है।
Difference Between NRE and NRO Account :
यदि आप NRI है और आप इस तरीके का खता खुलवाना चाहते है, तो आपको सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कौन सा Account आपके लिए उपयुक्त रहेगा। एनआरई या एनआरओ खातों में क्या अंतर है ? Difference between NRE and NRO Account.
- NRE account विदेश में कमाए धन को जमा कराने के लिए होता है जबकि NRO में भारत में कमाई रकम जमा की जा सकती है।
- NRE में joint account में सिर्फ NRI ही संयुक्त खाताधारक हो सकते हैं जबकि NRO में संयुक्त खाताधारक निवासी या अनिवासी भारतीय हो सकता है।
- एनआरई एकाउंट से पैसा एनआरओ अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है लेकिन एनआरओ से एनआरई अकाउंट में पैसा नहीं ट्रान्सफर किया जा सकता है।
- एनआरई खाते से पूरा पैसा निकाला जा सकता है लेकिन एनआरओ में ऐसा करना संभव नहीं है।
- NRO में जमा मूलधन का इस्तेमाल सिर्फ स्थानीय भुगतान में हो सकता है। लेकिन दोनों खातों में जमा रकम पर मिले ब्याज को खाताधारक कहीं भी ले जाने को आजाद है।
- NRO account से सालभर में 10 लाख डॉलर तक की निकासी की जा सकती है।
- एनआरओ खाते में जमा रकम पर ब्याज भारत में कर योग्य है लेकिन एनआरई खाते के साथ ऐसा कुछ नहीं है।
India में कौन कौन सी बैंक NRE और NRO Account की सेवा देती है :
चलिए मैं आपको कुछ INDIAN BANKS के बारे में बता हूँ जो NRE और NRO account की सुविधा प्रदान करती है। Top 10 Indian banks who provides NRE and NRO Account.
- Axis Bank
- State Bank of India(SBI)
- HSBC Bank
- Citi bank
- South Indian Bank
- SBI बैंक में जीरो बैलेंस पर ऑनलाइन सेविंग अकाउंट कैसे खोले?
- किसी भी बैंक खाते में मोबाइल नंबर कैसे रजिस्टर करें?
- Demat अकाउंट क्या है ?
- किसी भी बैंक का Online Bank Balance Kaise Check Kare 2022
- किसी भी बैंक का ATM card block और unblock कैसे करे?
- पोस्ट ऑफिस में अकाउंट कैसे खोलें? 2022
- एटीएम से पैसा कैसे निकाले? 2022
- New ATM Card Ke Liye Awedan kaise kare hindi me 2022
- SBI ATM card का PIN या Passowrd भूल जाने पर क्या करे?
- SBI में Net banking के लिए online Process
आशा करता हूँ आपको NRE और NRO अकाउंट से सम्बन्धित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे। आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर के जरुर बताएं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 394