पैसा लगा दो, 93-97% रिटर्न की गारंटी. विदेशी महिला के झांसे में आकर बुजुर्ग ने गंवाए 1.22 करोड़ रुपये
Huge Profit Scam In Delhi: विदेशी महिला ने दिल्ली में रहने वाले बुजुर्ग को 93 से 97% मुनाफे की गारंटी दी। इन्होंने 1.22 करोड़ रुपये इनवेस्ट कर दिए। कुछ दिन बाद अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है।
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?
धन्यवाद
Trending Topic
Copyright - 2022 Bennett, Coleman & Co. Ltd. All rights reserved. For reprint rights : Times Syndication Service
Social Trade Alert: कहीं आप भी तो नहीं फंस रहे हैं सोशल ट्रेडिंग के जाल में, इन बातों का रखेंगे ध्यान तो सुरक्षित रहेगी जमापूंजी
Social Trading Scam: साइबर ठग सोशल ट्रेडिंग के नाम पर कुछ ही दिनों में पैसा डबल करने का झांसा देकर बड़ी संख्या में लोगों को चपत लगा रहे हैं. आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो इस जाल में नहीं फंसेंगे.
By: ABP Live | Updated at : 04 Dec 2021 08:39 PM (IST)
Social Trading Scam: कोरोना काल की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट के बाद से अब बड़ी संख्या में लोग कम समय में ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं. ऐसे में लोगों को शिकार बनाने के लिए साइबर ठग भी एक्टिव हो गए हैं. वो लोगों को सोशल ट्रेड के जरिए जल्द पैसा डबल करने का झांसा देते हैं और फिर उनकी जमा पूंजी को उड़ा लेते हैं. इस तरह की ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि पढ़े लिखे लोग भी जालसाजों का शिकार आसानी से बन रहे हैं. यहां हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिनका ध्यान रखकर आप ठगी के इस जाल में नहीं फंसेंगे.
क्या होती है सोशल ट्रेडिंग
सोशल ट्रेडिंग का दायरा अब बढ़ता जा रहा है. इसमें नेटवर्क जोड़कर कमीशन कमाने का, ट्रेड के लिए किसी को रेफर करके पैसा डबल करने का व कुछ समय के लिए पैसा लगाकर उसे डबल करने का झांसा दिया जाता है. सोशल ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा ठगी लाइक के नाम पर होती है. इसमें ठग किसी भी वेबसाइट पर ऐड क्लिक करने या विजिट कने पर पैसा देने का लालच देते हैं. इसके लिए अकाउंट खुलाने के नाम पर अलग-अलग पैकेज के हिसाब से अमाउंट लिया जाता है. उस अमाउंट को एक तय समय में डबल करने का दावा किया जाता है. विश्वास जीतने के लिए ठग कुछ दिन तक प्रॉफिट देते हैं. ऐसे में ग्राहक का जब विश्वास बन जाता है और वह ज्यादा पैसा लगाता है तो ठग रुपये लेकर भाग जाते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
News Reels
- अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो सबसे पहली बात ये कि कम समय में ज्यादा प्रॉफिट के लालच में न पड़ें. इस तरह के अधिकतर स्कीम आज नहीं तो कल फेल हो जाते हैं और निवेशकों का पैसा डूब जाता है.
- अगर आपको कंपनी पर भरोसा हो गया है और आपने पैसा लगाने का मन बना लिया है तो रकम लगाने से पहले एक बार उस कंपनी के बारे में पता जरूर करें. देखें कि वह कंपनी रजिस्टर्ड है या नहीं. उसके कितने कस्टमर हैं. दूसरे कस्टमर का क्या रिव्यू है.
- आप ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी किसी भी कंपनी के रिव्यू को देखने के लिए गूगल, फेसबुक, ट्विटर या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उस कंपनी का नाम या स्कीम का नाम लिखते हुए रिव्यू या कस्टमर फीडबैक लिखें.
- आपके सामने ग्राहकों का रिव्यू आ जाएगा. हालांकि रिव्यू पढ़ते वक्त ध्यान रखें कि सिर्फ एक-दो ग्राहकों के रिव्यू पर भरोसा न करें. कुछ रिव्यू पेड होते हैं.
- जब भी पैसा लगाएं तो एक ही बार में ज्यादा रकम या अपनी सारी जमापूंजी न लगाएं. वैसे तो बेहतर होगा कि उतनी ही रकम लगाएं जितना डूबने पर आपको कोई असर न पड़े.
- पैसा ट्रांसफर करते वक्त ये जरूर देखें कि आप किस खाते में पैसा जमा कर रहे हैं. अगर कोई कंपनी बिजनेस कर रही है और खाता सेविंग देती है तो समझ लीजिए कि ये फ्रॉड है. क्योंकि कंपनी के लिए करेंट अकाउंट यानी चालू खाता होता है. ये खाता कंपनी के रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स के आधार पर ही खुलता है.
ये भी पढ़ें
Published at : 04 Dec 2021 09:06 PM (IST) Tags: Money Bank fraud online fraud Cyber Crime Social Trading हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi
डीमैट अकाउंट बनाकर करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर करते थे ठगी, ग्राहकों को ऐसे फंसाता था गैंग
Noida News: नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट अकाउंट खुलवा कर लोगों से ठगी किया करता था.
अगर आप ऑनलाइन ऐप के जरिए ट्रेडिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट अकाउंट खुलवा कर लोगों से ठगी किया करता था.
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के रहने वाले जीएसटी के रिटायर्ड कमिश्नर अशोक कुमार ने नोएडा साइबर क्राइम थाना सेक्टर-36 में मुकदमा दर्ज करवाया था कि उनके साथ करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख की ठगी हुई ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी है.
साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू किया तो इस गैंग का खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस ने मध्यप्रदेश जाकर छापेमारी की, जिसमें एक आरोपी शोयब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी मूलरूप से मध्यप्रदेश का रहने वाला है.
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि इन लोगों ने आमदनी सॉल्यूशन नाम से एक कॉल सेंटर बना रखा था, जिसके माध्यम से यह लोगों को कॉल कर करेंसी ट्रेडिंग करने के लिए कहते थे. लोगों को कन्वेंस करने के बाद उनका मेटा ट्रेडर्स पर डीमैट एकाउंट खुलवा दिया करते थे, जिसका एक्ससेस ये लोग अपने पास भी रखा करते थे.
इन लोगों ने फर्जी मेटा ट्रेडर्स 5 नाम से एक ऐप बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर रखा था, जिसमें डिजिटल रूप से ग्राहक को यह लगता था कि उसके पैसे बढ़ रहे हैं, जिस वजह से वह और इन्वेस्ट करता था.
वहीं जब ग्राहक अपने पैसे और प्रॉफिट वापस लेना चाहता तो जीएसटी चार्ज, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर यह लोग विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करवाया करते थे. इन लोगों ने पीड़ित अशोक कुमार से लगभग 15 लाख रुपए की ठगी की थी. अब तक ये लोग 500 लोगों से लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं.
वहीं साइबर क्राइम थाने की इंचार्ज रीता यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद हम लोगों ने जांच के बाद इंदौर में छापेमारी की, जिसमें एक आरोपी शोएब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि ये लोग कॉल सेंटर के माध्यम से अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनियों से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लिया करते थे और उन्हें कॉल कर इनकी कंपनी के माध्यम से करेंसी ट्रेडिंग के लिए कन्वेंस किया करते थे. अब तक ये लोग 500 लोगों के साथ लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं. इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है.
नोएडा: साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग का पर्दाफाश, पॉलिसी के नाम पर करते थे ठगी, 8 गिरफ्तार
साइबर जालसाज फर्जी PDF भेजकर कर रहे ऑनलाइन ठगी, Alert रहें आप भी फंस सकते हैं इस जाल में
साइबर जालसाज फर्जी PDF भेजकर कर रहे ऑनलाइन ठगी, Alert रहें आप भी फंस सकते हैं इस जाल में
Cyber Criminals अब लोगों के मोबाइल पर PDF files भेजकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इस नए तरीके के तहत Telecom Operator के नाम से फर्जी पीडीएफ भेज कर SIM बंद होने से बचाने के लिए एप डाउनलोड करा रहे हैं। इसके बाद Mobile Hack कर साइबर ठगी कर रहे हैं। आप भी इससे अलर्ट रहें और अगर कोई फर्जी पीडीएफ आपको WhatsApp कर रहा है तो इसे नजर अंदाज करें। यूपी साइबर क्राइम सेल ने Advisory जारी कर लोगों से किसी भी तरह से एप डाउनलोड नहीं करने की सलाह दी है।
जानिए क्या है फर्जी PDF का खेल
Cyber Criminals अब कुछ न कुछ अलग तरीके से लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रहे हैं। जब तक लोग साइबर ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी क्राइम के एक तरीके को समझते हैं तब तक जालसाज दूसरे तरीके से ठगी करने लगते हैं। हाल के दिनों में Cyber Criminal ने एक नए तरीके से साइबर ठगी को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
दरअसल KYC Update कराने के नाम पर ठगी को दूसरे तरीके से लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। इसके तहत अब साइबर जालसाज दूरसंचार कंपनियों के नाम पर एक PDF फाइल बना रहे हैं। इसमें दूरसंचार कंपनी के नाम, टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) का नाम सहित उन कंपनियों का लोगो होता है।
इस PDF files में साइबर जालसाज किसी भी दूरसंचार उपभोक्ता को भेजकर बताता है कि उनका KYC Update नहीं है और अगले 24 से 48 घंटे में सिम ब्लॉक हो जाएगा। इस पर उपभोक्ताओं को पीडीएफ फाइल, कंपनी का लोगो आदि देखकर विश्वास हो जाता है। इसके बाद इसी फाइल में साइबर जालसाज घर बैठे KYC Update कराने की जानकारी भी देता है और App Download करने की सलाह दिया जाता है। जैसे ही उपभोक्ता एप डाउनलोड करते हैं तो उनका मोबाइल Hack हो जाता है। इसके बाद उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
UP Cyber Crime के SP प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि PDF files भेजकर ठगी को अंजाम देने की घटनाएं सामने आ रही है और साइबर जालसाज के इस नए तरीके की जाल में लोग फंस रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकेलिए हमलोगों ने एक Advisory जारी की है और किसी तरह के पीडीएफ फाइल पर भरोसा नहीं करने की बात कही गई है।
जैसे ही Digit बताया कि हो जाएगा Account खाली
साइबर ठग आपको WhatsApp पर पीडीएफ भेजकर केवाईसी अपडेट न होने के कारण Sim Card को 24 घंटे मे बंद करने की चेतावनी देते हैं। KYC Update करने के लिए गूगल प्लेस्टोर से QS App डाउनलोड करने को कहते हैं। क्यूएस एप डाउनलोड करते ही एक नंबर आपके स्क्रीन पर पर आएगा। वो नंबर ठग को बताने पर आपके फोन का एक्सेस Cyber Criminal के पास चला जाएगा। उसके बाद आपका बैंक, आपकी फोटो एवं अन्य निजी जानकारी उस ठग के पास होगी। एप डाउनलोड करते ही आपका Account खाली हो जाएगा।
इस तरह के Fraud से ऐसे बचें
– KYC Update कराने के नाम पर कोई भी एप डाउनलोड नहीं करें।
– Telecom Company के नाम से व्हाट्ïस एप किए जाने वाले PDF पर भरोसा नहीं करें।
– किसी भी Unknown Link पर क्लिक नहीं करें।
– किसी को भी अपनी निजी जानकारी नहीं दें। खाता ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी नंबर, Password किसी को नहीं बताएं।
बिटकॉइन ट्रेडिंग के नाम पर दो व्यापारियों से 5.90 लाख रुपए ठगे, एसपी ने क्राइम ब्रांच को सौंपा मामला
ग्वालियर। शहर में बिटकॉइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने का पहला मामला सामने आया है। व्यापारियों को 21 महीने में रकम दोगुनी करने और हर महीने 12 प्रतिशत रिटर्न का झांसा देकर फंसाया गया। ठगी आधा दर्जन व्यापारियों के साथ हुई है, लेकिन अभी दो व्यापारी ही शिकायत करने सामने आए हैं। व्यापारी सोमवार को एसपी से शिकायत करने पहुंचे। इन दोनों से 5.90 लाख रुपए की ठगी हुई है। अन्य व्यापारियों से ठगी गई रकम करीब 20 लाख रुपए बताई जा रही है। बिटकॉइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी के मामले अभी तक दिल्ली, नोयडा, मुंबई और अन्य बड़े शहरों में ही सामने आ रहे थे, ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर हो रही ठगी लेकिन अब ग्वालियर में भी वर्चुअल करेंसी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है।
ग्वालियर के व्यापारी रामजी अग्रवाल, दतिया के व्यापारी सुधीर गुप्ता के साथ चार अन्य व्यापारी सोमवार को एसपी ऑफिस पहुंचे। इन्होंने शिकायत की कि इनके संपर्क में सिटी सेंटर का रहने वाला अनिल सिंह आया। उसने खुद को मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर बिटकॉइन में निवेश करने का झांसा दिया। इन्हें बताया गया कि बिटकॉइन की कीमत बाजार में लगातार बढ़ रही है। इससे या तो निवेश की गई रकम 21 महीने में दोगुनी हो जाएगी या फिर हर महीने 12 प्रतिशत रिटर्न दिया जाएगा। इस पर रामजी ने 5 लाख और सुधीर ने 90 हजार रुपए निवेश किए। इसके अलावा चार और व्यापारियों ने निवेश किया। पहले तो 3 महीने इन्हें रिटर्न मिला, इसके बाद रिटर्न मिलना बंद हो गया। उन्होंने ब्रोकर से संपर्क किया तो फोन बंद मिला। घर से भी गायब मिला। सोमवार को एसपी नवनीत भसीन से शिकायत की। उन्होंने एएसपी क्राइम पंकज पांडे को मामले की जांच सौंपी है।
10 साल में 1 हजार गुना कीमत बढ़ने का लालच दिया
ठगी करने वाले ने बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए व्यापारियों के साथ एक होटल में मीटिंग की। उन्हें झांसा दिया कि बिटकॉइन की कीमत आने वाले दस साल में 1 हजार गुना तक बढ़ जाएगी, उन्हें ऑनलाइन कीमत भी दिखाई। व्यापारियों को इसमें निवेश करने का झांसा दिया। माइनिंग, ट्रेडिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल दिखाया, जिससे व्यापारी फंस गए।
कैसे लिया रुपया: व्यापारियों से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पैसा ई-वॉलेट में ट्रांसफर कराया गया। कुछ व्यापारियों से नकद और चेक भी लिया।
क्या है बिटकॉइन: बिटकॉइन वर्चुअल मनी है। लीगल टेंडर के रूप में आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं है। यानी भारत में यह मान्य नहीं है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 843