फिच रेटिंग्स ने कहा है कि यह बाद में परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों को जन्म दे सकता है, वित्तीय संस्थानों को अगले 12-24 महीनों के लिए संरक्षित किया जा सकता है.

भारतीय शेयर बाजार पर कोविड-19 की दूसरी लहर का क्यों नहीं पड़ रहा है कोई असर?

Published: May 11, 2021 3:44 PM IST

(BSE Sensex)

कोविड-19 की दूसरी लहर का भारतीय शेयर मार्केट पर कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है. बाजार में तेजी का कायम है या यह कह सकते हैं कि मार्केट में उतार-चढ़ाव जारी बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव है, जो शेयर बाजार का नेटर है. वहीं, कोविड-19 की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यानी कोविड-19 की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर देखा जा रहा है.

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S & P BSE Sensex और NSE Nifty50 दोनों बेंचमार्क मार्केट इंडेक्स – बढ़ते मामलों और आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के बावजूद मजबूत साप्ताहिक लाभ दर्ज कर रहे हैं. सोमवार को इक्विटी बाजारों ने सेंसेक्स में बढ़त बनाए रखी और निफ्टी स्वस्थ लाभ के साथ सत्र समाप्त हुआ.

लेकिन भारतीय शेयर बाजार लगातार अच्छा प्रदर्शन कैसे कर रहा है जबकि कोविड की दूसरी लहर से आर्थिक सुधार को खतरा है? आइए- बताते हैं कुछ संभावित कारण, जिनकी वजह से मार्केट पर कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है.

चौथी तिमाही के अच्छे परिणाम का असर

वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में प्रमुख कंपनियों ने बेहतर परिणाम जारी किया गया है. कई ब्लू-चिप कंपनियों के अच्छे रिजल्ट की उम्मीद में शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है. मजबूत आय के मौसम ने निवेशकों को संकटग्रस्त कोविड -19 संकट से परे देखने में मदद की है, जिससे निकट अवधि में आर्थिक सुधार प्रभावित होने की संभावना है.

कोरोना संकट : छोटे दुकानदारों पर बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव कर्ज का भार,ऋण के बोझ तले दबने को मजबूर

कोरोना संकट : छोटे दुकानदारों पर कर्ज का भार,ऋण के बोझ तले दबने को मजबूर

कोरोना की दूसरी लहर के कारण नपं सतपुली में रह रहे सभी मध्यम व छोटे व्यापारी परेशान हैं।आलम यह है कोरोना के कारण कई व्यापारी कर्ज के तले डूब गए हैं । कुछ व्यापारी ऐसे हैं जिन्होंने लॉकडाउन में पहाड़ी क्षेत्र सतपुली बाजार में दुकान खोली थी लेकिन कोरोना के कारण वोलोग दुकान का किराया भी नहीं निकाल पा रहे हैं। इससे सब परेशान हैं।आइये सुनते है व्यापारियों की परेशानी उनकी जुबानी।

व्यापारी प्रेम सिंह रावत का कहना है कि हर समय किसी भी आपदा में व्यापारियों को ही अपना बलिदान देना पड़ता है । प्रत्येक आपदा के समय व्यापारी चन्दा जमा कर राहत कोष में भेजता है लेकिन इस बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव कोरोनाकाल ने व्यापारियों को ही कंगाल बना दिया। गारमेंट्स व्यापारी मनीष डोभाल बताते हैं कि लॉकडाउन में अपने भविष्य व सुरक्षित स्वास्थ्य के लिये मैंने सतपुली में गारमेंट्स की बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव दुकान खोली कि पहाड़ों में बीमारी का असर कम होगा और यहाँ व्यापार अच्छा चलेगा, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने पहाड़ों में भी अपना असर दिखा दिया अब हमें दुकान का किराया निकलना तक दूभर हो रखा है।

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